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विपक्षी नेताओं ने PM को लिखा पत्र, कपिल मिश्रा बोले, “चिट्ठी कसाब के लिए भी लिखी जाती थी”

देश के 9 बड़े विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय जांच ऐजेंसियों के दुरूपयोग करने का आरोप लगाया गया है। पत्र में आप नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का भी जिक्र किया गया है। पीएम को लिखी गई ये चिट्ठी राष्ट्रीय राजनीति का हिस्सा बन गई है। इसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

कसाब से की सिसोदिया तुलना

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद राजधानी दिल्ली की सियासत उबाल मार रही है। जहां एक तरफ आप नेता सिसोदिया पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता सिसोदिया को शराब नीति में घोटाले का आरोपी बता रहे हैं। इस जुबानी जंग में दोनों ही पार्टी के नेता पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

विपक्षी नेताओं की पीएम को चिट्ठी पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने तीखी टिप्पणी की है। कपिल मिश्रा ने ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए सिसोदिया की तुलना मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले में शामिल आतंकवादी अजमल कसाब से कर दी है। कपिल ने लिखा कि “मनीष सिसोदिया को बचाने के लिए कई विपक्ष के नेताओं ने लेटर लिखा है ऐसा ही एक लेटर कसाब को बचाने के लिये भी लिखा गया था जब ऐसे लेटर आने लगे मतलब अपराध पक्का है, अब बचाने की हड़बड़ाहट है।”

सिसोदिया ने शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। लेकिन सिसोदिया को कोर्ट से राहत नहीं मिली पाई। इस पर कपिल मिश्रा ने सिसोदिया पर निशाना साधते हुए लिखा कि ‘भगत सिंह हर दिन जमानत की अर्ज़ी लगवाते थे क्या ?’

चिट्ठी में क्या लिखा

विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी को सरकारी ऐजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री जी आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। विपक्षी नेताओं के खिलाफ लगातार केंद्रीय जांच एजेसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। इससे देश में एक निरंकुश तंत्र की स्थापना हो रही है। मनीष सिसोदिया का उदाहरण देते हुए विपक्षी नेताओं ने कहा कि सिसोदिया को 26 फरवरी को शराब घोटाले में गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। यह एक सियासी साजिश लग रही है।

असम के सीएम और शुभेंदु अधिकारी का जिक्र

पत्र में आगे लिखा गया कि 2014 के बाद से देश में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने जितनी भी कार्रवाई की उनमें अधिकांश विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ही थीं। जिन नेताओं ने बाद में बीजेपी का दामन था लिया उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। असम के मौजूदा सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का उदाहरण देते हुए पत्र में कहा गया कि हिमंत विस्व सरमा के खिलाफ साल 2014 और 2015 में सारदा चिट फंड घोटाले में जांच की थी। यह जांच सीबीआई ने की थी। बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके खिलाफ जांच को आगे नहीं बढ़ाया गया। इसी तरह टीएमसी से भाजपा में आए शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय के खिलाफ चल रही नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में जांच भी बंद नहीं कर दी है।

इन नेताओं ने लिखी चिट्ठी

जांच एजेंसियों के दुरूपयोग को लेकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वालों में 4 मुख्यमंत्री, 1 उपमुख्यमंत्री और 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम शामिल है।
1.दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल
2.पंजाब के मुख्यमंत्री और AAP नेता भगवंत मान
3.बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC चीफ ममता बनर्जी
4.तेलंगाना के मुख्यमंत्री और BRS प्रमुख के चंद्रशेखर राव
5.UP के पूर्व सीएम और सपा चीफ अखिलेश यादव
6.बिहार के डिप्टी सीएम और RJD नेता तेजस्वी यादव
7.एनसीपी चीफ शरद पवार
8.महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
9.जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला

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