Advertisement

Lok Sabha Election 2024: राममय माहौल में लोकसभा चुनाव, किसको होगा कितना फायदा?

Share
Advertisement

Loksabha Election 2024: अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से पूरे देश में माहौल राममय है। उत्तर प्रदेश में तो और भी। वैसे भी चाहे यहां कोई गठबंधन हो जाय, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में भाजपा पिछले आम चुनाव की तुलना में बेहतर प्रदर्शन ही करेगी। ऐसा राजनीति के जानकारों का भी मानना है।

Advertisement

Lok Sabha Election 2024: RLD के साथ आने से जाटलैंड में और मजबूत हुई BJP

जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोक दल (RLD) से गठबंधन के बाद भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटलैंड में और भी मजबूत हुई है। उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के रिश्ते कभी तल्ख होते हैं तो कभी सामान्य। अंजाम क्या होगा, फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता। राजनीति में तो और भी।

Loksabha Election 2024: हिंदी पट्टी से लगभग पूरी तरह साफ हुई कांग्रेस

देश में आम चुनावों के आकलन की बात तो कुछ महीने पहले हुए राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला था।  2018 के विधानसभा चुनावों में विजेता होने के नाते माना जा रहा था कि इन राज्यों में कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनावों में भी बेहतर स्थिति में रहेगी। हिमाचल और कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत से ऐसा माहौल भी बनाया गया था। विरोधी तो यहां तक कहने लगे थे कि अब मोदी मैजिक के दिन लद गए।

बावजूद इसके छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी से कांग्रेस को मिली करारी हार से साबित होता है कि कांग्रेस हिंदी पट्टी में भाजपा से मुकाबला नहीं कर सकती। साथ ही इससे यह भी साबित होता है कि मोदी मैजिक अभी बरकरार है। इस हार ने हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस की जीत को धुंधला कर दिया। बिहार में नीतीश कुमार की पलटमारी से अब वह सत्ता में साझीदार नहीं है। ले देकर झारखंड में ही वह साझीदार के रूप सत्ता में है। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में अकेले ही ताल ठोकने के मूड में हैं। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के अब तक के मूड-मिजाज से यही लगता है कि दिल्ली और पंजाब में वह अकेले ही लड़ेंगे। कुछ अन्य राज्यों की कुछ सीटों पर भी वह अपने उम्मीदवार उतारेंगे।

महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण ने दिया कांग्रेस को झटका

उधर महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। इनके पिता शंकरराव चव्हाण भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसी से इस परिवार की पकड़ और रसूख का अंदाजा लगाया जा सकता है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अनुसार कांग्रेस के कई और नेता भी भाजपा में आने मन बना चुके हैं।

साउथ को साधने की पूरी कोशिश कर रही भाजपा

ले देकर कांग्रेस की सारी उम्मीदें दक्षिण भारत के राज्यों से ही है। पर, भाजपा दक्षिण के इस किले में सेंध लगाने की भी लंबे समय से और नियोजित तरीके से तैयारी कर रही है।

असरदार मोदी मैजिक के बरकरार रहने की उम्मीद

यूं भी विधानसभा चुनावों के मुकाबले लोकसभा चुनावों में मोदी मैजिक कहीं अधिक असरदार रहता है। 2018 में जब कांग्रेस मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विजेता थी उस समय भी अगले साल 2019 में लोकसभा के चुनावों में भाजपा की इन तीनों राज्यों में भारी जीत हुई। उम्मीद है कि इन चुनावों में भी मोदी मैजिक पहले की ही तरह बरकरार रहेगा।

यह भी पढ़ें:-Uttarakhand UCC Bill News: देवभूमि में CM धामी ने रचा इतिहास, UCC बिल पास

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें