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“ऐसा लगा जैसे हम मृत्युशय्या पर थे” सूडान से लौटे भारतीयों की आपबीती

सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच पिछले 12 दिनों से जंग चल रही है और इसमें 400 लोगों की जान जा चुकी है। इस गृहयुद्ध के चलते हजारों की संख्या में भारतीय वहां पर फंसे हुए हैं। भारत सरकार इन्हें निकालने के लिए ‘ऑपरेशन’ कावेरी चला रही है। इसके चलते 670 भारतीय नागरिकों को सूडान से निकाल लिया गया है।

सूडान में भारत आए भारतीयों ने अपना दर्द बया किया हरियाणा के रहने वाले सुखविंदर सिंह ने कहा ‘ऐसे लग रहा था हम मृत्युशय्या पर थे’ सुखविंदर सिंह पेशे से एक इजिंनियर है जो ऑपरेशन कावेरी के चलते पहली बैच में भारत आए है। ऐसे ही पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले तसमेर सिंह भी उन लोगों में शामिल हैं, सूडान की भयावह स्थिति से लौटे हैं उन्होंने कहा हम एक लाश की तरह थे एक छोटे कमरे में बिना बिजली-पानी के रह रहे थे। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम अपने जीवन में ऐसी स्थिति का सामना करेंगे, लेकिन भगवान का शुक्र है कि हम जीवित  लौट आए है। ऐसे ही अनेकों भारतीय है जो सूडान से भारत आने के बाद अपना दुख व्यक्त किया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सूडान से रेस्क्यू किए गए लोगों के दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद निकाले गए उनकी तस्वीरें शेयर कीं।  उन्होंने लिखा, “भारत अपनों की वापसी का स्वागत करता है। ऑरेशन कावेरी के तहत पहली उड़ान में 360 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया।‘

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