MP: राम भक्ति, सीताराम और ॐ अक्षरों को जोड़कर लिखा 1200 पन्नों का ग्रंथ

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MP: 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है जिसे लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। इसकी चर्चा हर जगह हो रही है। ऐसे में कुछ अद्वितीय राम भक्तों की कहांनिया भी सामने आ रही है। ऐसे में मध्य प्रदेश के बैतूल से केदार सिंह चंदेल की कहानी सामने आई है।

बैतूल जिले के देवगांव में रहने वाले 65 साल के केदार सिंह चंदेल ने होश संभालते ही 22 साल की आयु में श्री राम के नाम को कागजों पर लिखना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने सीता राम से मिलकर पूरे सुंदरकांड को लिखा। केदार सिंह की भक्ति यहीं नहीं थमी। फिर साल 1997 में उनके एक दोस्त की प्रेरणा से मन में सियाराम के अक्षरों को जोड़कर रामचरितमानस लिखने का विचार आया। इसके बाद केदार सिंह ने रोजाना एक घंटे से ज्यादा का समय निकालकर रामचरित मानस लिखना शुरू किया। लगभग आठ साल में इस कार्य को पूरा किया। अब जब पूरे देश में श्रीराम मंदिर और राम भक्तों की चर्चा है, तो केदार सिंह चंदेल की भक्ति भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है।

MP: मानस की एक प्रति अयोध्या भेजना चाहते हैं

सीता राम और ॐ अक्षरों से रामचरित मानस लिखने वाले केदार सिंह चंदेल बताते हैं कि अवधी में रामचरित मानस को लिखा गया है। 1200 पेज की इस किताब को पूरा लिखने में आठ साल लग गए। मैं चाहता हूं कि इसकी और भी प्रतियां छापी जाएं। साथ ही एक कॉपी को अयोध्या भेजा जाए।

अब वाल्मीकि रामायण लिखेंगे केदार

केदार सिंह यह भी बताते हैं कि होश संभालने के बाद से ही उन्होंने राम कार्य जारी रखा, कभी राम नाम लिखकर कागजों को अयोध्या के श्री राम नाम बैंक भेजा। कभी ऐसे ही अक्षरों से अक्षरों को जोड़कर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड लिखना, और फिर इसी तरह सीता में राम और राम में सीता लिखकर रामचरित मानस के सात कांड लिख दिए।

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