Mahavir Jayanti 2023: भगवान महावीर की गहन शिक्षाएं जो आज भी हैं गूंज

Mahavir Jayanti
Mahavir Jayanti 2023: जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर अहिंसा, करुणा और आत्म-संयम की शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं। उनकी शिक्षाओं का सदियों से पालन किया जा रहा है और आज भी दुनिया भर के लोग उनकी शिक्षओं से प्रेरित होते हैं।
भगवान महावीर की प्राथमिक शिक्षाओं में से एक अहिंसा है। उनके अनुसार किसी भी जीव जंतु, कीड़े-मकोड़े आदि को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए। यह सिद्धांत शारीरिक हिंसा तक ही सीमित नहीं है बल्कि मौखिक और मानसिक हिंसा तक भी फैला हुआ है। भगवान महावीर का मानना था कि अहिंसा का पालन करने से एक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज बनेगा।
भगवान महावीर की एक अन्य महत्वपूर्ण शिक्षा करुणा है। उनका मानना था कि हर जीव दया और सम्मान के साथ व्यवहार करने का हकदार है। यह सिद्धांत अहिंसा से निकटता से जुड़ा हुआ है। क्योंकि यह सभी जीवित प्राणियों के प्रति सहानुभूति के महत्व पर बल देता है। भगवान महावीर ने सिखाया कि करुणा एक अधिक दयालु और देखभाल करने वाले समाज के विकास की ओर ले जाती है।
आत्म-संयम या सम्यक-वृत्ति भगवान महावीर की एक और आवश्यक शिक्षा है। उनका मानना था कि व्यक्ति को अपने विचारों, कार्यों और इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए। आत्म-नियंत्रण अधिक अनुशासित और संतुलित जीवन के विकास की ओर ले जाता है। भगवान महावीर ने सिखाया कि अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करके हम आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं और आंतरिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।
भगवान महावीर ने भी सत्य के महत्व पर जोर दिया। उनके अनुसार हमेशा सच बोलना चाहिए, चाहे परिणाम कुछ भी हो। सत्यता एक अधिक ईमानदार और पारदर्शी समाज के विकास की ओर ले जाती है। भगवान महावीर का मानना था कि सत्य बोलना स्वयं और पूरे समाज की भलाई के लिए आवश्यक है।
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