Madhya Pradesh

CM डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन कॉन्क्लेव को किया संबोधित, बोले – ‘पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही’

Madhya Pradesh : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज उज्जैन में द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन कॉन्क्लेव को संबोधित किया। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम सबका सौभाग्य है। यह काल की नगरी है और काल सबका समय नियत करता है यह परमात्मा की कृपा है कि आज का समय भारत का है। पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत के चारों तरफ, पूरब-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा से सुखद समाचार आ रहे हैं, जो हमसे जुड़े हैं वे आनंद में डूबे हुए हैं, जो हमसे कंपटीशन मानते हैं, वे स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं पर्यटन, संस्कृति और विभिन्न कार्यों के बल पर हम देश भर में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कंस की पराजय के बाद भगवान का विराट रूप दुनिया ने देखा , लेकिन उस विराट रूप का बीज उज्जैन, अवंतिका सांदीपनि आश्रम में पड़ा। मैं गारंटी से कह सकता हूं कि आत्मा के विकास के लिए हिंदुस्तान के अलावा दुनिया में कोई दूसरी जगह नहीं है। मनुष्य के इस शरीर के भीतर जो प्रश्न उमड़ते-घुमड़ते हैं, उनके उत्तर ढूंढने के लिए अंततः संबंध भारत से ही जुड़ता है। राजसत्ताओं की सीमाएं भौतिक रूप से बंधी हो सकती हैं, लेकिन हमारी आध्यात्मिक सीमाएं असीमित हैं। गुरु नानक देव जी ने पर्शिया और ईरान तक की यात्रा की।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बौद्ध धर्म की बामियान की प्रतिमाओं पर जब अफगानिस्तान में तोप के गोले दागे गए तो वे प्रतिमाओं पर नहीं, हम सबके कलेजे पर चल रहे थे। राजसत्ताओं की सीमाएं बनती-बिगड़ती रहती हैं, लेकिन हमारी सांस्कृतिक एकता हमेशा बनी रहती है। हमारे देवालय केवल पूजा के केंद्र नहीं हैं। बाबा महाकाल का ही उदाहरण लें – आज महालोक के रूप में लगभग एक हजार बीघा में मंदिर परिसर विकसित हो चुका है। पूरे मंदिर परिसर में भगवान का वास्तविक घर तो केवल गर्भगृह है, जिसमें वे आनंदपूर्वक विराजमान हैं। शेष पूरा परिसर भक्तों के लिए है। यही हमारी संस्कृति है।

‘हमारे देवालय लोकतंत्र के भी मॉडल हो सकते हैं’

उन्होंने कहा कि हमारे यहां ‘खाना’ शब्द नहीं, ‘भोजन’ शब्द है। भगवान को पहले भोग लगता है और उसके बाद प्रसाद मिलता है। यही हमारी परंपरा और संस्कृति है। कई जन्मों के पुण्य के बाद हमें यह मानव शरीर प्राप्त हुआ है। इस शरीर में अनंत संभावनाएं छिपी हैं और हमें उनका सदुपयोग करना चाहिए। आज अनेक ट्रस्ट मेडिकल कॉलेज, हॉस्टल और वृद्धाश्रम चलाते हैं। इस प्रकार की सामाजिक उत्तरदायित्व की गतिविधियों को जोड़कर पर्यटन को केवल बाहरी आनंद तक सीमित न रखकर, तीर्थाटन की भावना से जोड़ना चाहिए, ताकि व्यक्ति, समाज और प्रदेश का भला हो सके। यही आज के इस कार्यक्रम की मूल रचना का आधार है।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अहिल्या माता की सत्ता केवल पांच जिलों तक सीमित थी, लेकिन उन्होंने काशी में विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करवाकर सनातन संस्कृति को एक अमूल्य धरोहर दी। आज भी उसी मंदिर में पूजा होती है। हमारे देवालय लोकतंत्र के भी मॉडल हो सकते हैं। पूरा प्रदेश ऐसे पवित्र और अच्छे कार्यों के लिए देश के साथ खड़ा है। हमें इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है।

यह भी पढ़ें : राजिंद्रा अस्पताल में भयानक दृश्य: कुत्ते के साथ मिला नवजात का सिर, स्वास्थ्य मंत्री ने तुरंत जांच के आदेश दिए

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Related Articles

Back to top button