Bihar

खेसारी लाल यादव ने छपरा में रवि किशन पर किया पलटवार, कहा- ‘नचनिया लेने की शुरुआत पहले उन्होंने की’

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  • खेसारी ने छपरा में केंद्र सरकार पर हमला किया
  • बिहार के विकास और पलायन पर सवाल उठाए
    •‘नचनिया’ तंज पर भाई का सम्मान जताया
  • कलाकार बन जनता की आवाज उठाने का वादा
  • मकसद राजनीति नहीं, बल्कि बिहार में रोजगार है

Bihar Assembly Elections 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भोजपुरी अभिनेता और राजद उम्मीदवार खेसारी लाल यादव ने छपरा में चुनावी सभा में बीजेपी सांसद और अभिनेता रवि किशन पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि बिहार के विकास की बात करने वाले लोग यह बताएं कि आखिर केंद्र सरकार ने अब तक बिहार को क्या दिया है.

जनसभा में भीड़ के बीच खेसारी लाल यादव ने कहा कि मोदी जी से पूछना चाहिए कि गुजरात के विकास के लिए पैसा है, लेकिन बिहार के लिए क्यों नहीं? क्या हम बिहार के लोग कोई फैक्ट्री के लायक नहीं हैं. क्या हम सिर्फ मजदूरी के लिए ही पैदा हुए हैं? उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को रोजगार नहीं, बल्कि पलायन की मजबूरी दी गई है.

सम्राट भैया मेरे लिए पूजनीय

अपने ऊपर लगे ‘नचनिया’ वाले तंज का जवाब देते हुए खेसारी लाल यादव ने कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि राजद ने नचनिया को टिकट दे दिया. उन्होंने कहा, “मैं क्या जवाब दूं? वो मेरे बड़े भाई हैं, सम्राट भैया मेरे लिए पूजनीय हैं. लेकिन जिनके इशारे पर मुझे नचनिया कहा जा रहा है, उनके गिरोह में तीन-तीन नचनिया हैं और एक तो हाल ही में गए हैं. नचनिया को लेने की शुरुआत तो पहले उन्होंने ही की थी.

नचनिया’ कहने वाले लायक नहीं

खेसारी लाल यादव ने आगे कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि मेरे गाने गंदे हैं. मैं पूछता हूं, मेरे गानों की वजह से कौन सा अस्पताल, नाला या स्कूल खराब हो गया. अगर कोई कलाकार लोगों को हंसाता है, मनोरंजन करता है, तो क्या वो गुनाह है. उन्होंने कहा कि जो लोग कलाकार को ‘नचनिया’ कहकर अपमानित कर रहे हैं, वही असल में बिहार को किसी लायक नहीं छोड़ पाए हैं.

कलाकार बनकर बिहार की आवाज उठाऊंगा

जनसभा के अंत में खेसारी लाल यादव ने कहा कि उन्हें नेता बनने की जल्दी नहीं है, वे केवल कलाकार बने रहना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर वे नेता बन गए तो शायद मैं भी पापी बन जाऊंगा. उनके इस बयान पर सभा स्थल तालियों से गूंज उठा. खेसारी का यह भाषण सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. उन्होंने साफ कहा कि उनका मकसद राजनीति नहीं, बल्कि बिहार की आवाज उठाना है. ताकि आने वाली पीढ़ी को अपने राज्य में ही रोजगार मिल सके.

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