सिंधु समझौते पर वर्ल्ड बैंक का पाक को झटका, कहा- ‘हम कुछ नहीं कर सकते’

Indus Water Treaty Update :

विश्व बैंक ने सिंधु जल संधि में पाकिस्तान को दिया झटका

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Indus Water Treaty Update : पहलगाम हमले के बाद से पाकिस्तान इन दिनों चौतरफा मार खा रहा है। भारत से तनाव के बीच उसने सिंधु जल संधि सस्पेंड के मामले पर विश्व बैंक से गुहार लगाई, जहां उसे फिर एक बार मुंह की खानी पड़ी। विश्व बैंक ने शुक्रवार यानी 9 अप्रैल, 2025 को कहा कि संगठन सिंधु जल संधि में महज एक मध्यस्थ है और वो कुछ नहीं कर सकता।

‘हमारी भूमिका केवल एक मध्यस्थ की’

विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा कि हमारी भूमिका केवल एक मध्यस्थ की है। मीडिया में इस बारे में बहुत अटकलें लगाई जा रही हैं कि विश्व बैंक किस तरह से इस समस्या को हल करेगा, लेकिन यह सब बकवास है। विश्व बैंक की भूमिका केवल एक मध्यस्थ की है। बंगा ने यह भी स्पष्ट किया अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से समझौते के निलंबन को ठीक करने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगा। 

22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम हमला

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों और स्थानिय लोगों पर जमकर गोलीबारी की थी। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि को तब तक के लिए निलंबित कर दिया, जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता। 

विश्व बैंक के अध्यक्ष ने पीएम मोदी से की मुलाकात

बंगा ने गुरुवार (8 अप्रैल) शाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके तुरंत बाद ऐसी अटकलें लगाई जाने लगीं कि विश्व बैंक मामले में दखल देगा। इसके अलावा, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने गुरुवार शाम इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान ने पिछले कई वर्षों में जानबूझकर कानूनी बाधाएं पैदा करके सिंधु जल संधि का बार-बार उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि यह भारत का ही धैर्य है कि पिछले 65 वर्षों से भारत संधि का पालन कर रहा है। 

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मिस्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने बीते वर्षों में बार-बार सिंधु जल संधि का उल्लंघन किया है और जानबूझकर भारत के लिए कानूनी अड़चनें खड़ी की हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा संधि का सम्मान किया है। यहां तक कि तब भी, जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़े।

पाकिस्तान को कई बार नोटिस भेजा गया

मीडिया को संबोधित करते हुए मिसरी ने कहा कि भारत पिछले ढाई वर्षों से पाकिस्तान के साथ इस संधि में संशोधन को लेकर बातचीत की कोशिश कर रहा है, और इसके लिए पाकिस्तान को कई बार औपचारिक नोटिस भी भेजे जा चुके हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब तक बेहद संयम से काम लेता रहा है और 65 वर्षों से अधिक समय तक संधि का पालन करता रहा है, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से केवल बाधाएं और उल्लंघन देखने को मिले हैं।

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