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पंजाब सरकार की ऐतिहासिक पहल : श्री आनंदपुर साहिब में 350वें शहादत दिवस पर भव्य स्मारक, विरासत मार्ग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

फटाफट पढ़ें

  • पंजाब में गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस कार्यक्रम
  • आनंदपुर साहिब में भाई जैता जी की यादगार बनी
  • मुख्यमंत्री ने स्मारक का दूसरा भाग समर्पित किया
  • विरासत मार्ग पर 18 करोड़ की परियोजना शुरू हुई
  • नवंबर में आनंदपुर साहिब में बड़े आयोजन होंगे

Punjab News : पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि पंजाब सरकार श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रमों का आयोजन बड़े पैमाने पर कर रही है. इस कार्य के लिए पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के विभाग को नोडल विभाग के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है.

उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों की सफलता के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं और सबसे अहम यह है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने श्री आनंदपुर साहिब के कायाकल्प के लिए बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए हैं. उन्होंने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर हाल ही में भाई जैता जी की यादगार में इतिहास को साकार करती पाँच गैलरियाँ मानवता को समर्पित की गई हैं. यह यादगार 5 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है, जिसमें लगभग 2 एकड़ क्षेत्र कवर क्षेत्र है और निर्माण क्षेत्र लगभग 3200 वर्ग फुट है.

मुख्यमंत्री ने किया संगत के नाम समर्पित

इस यादगार का डिजाइन श्री गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के आर्किटेक्चर विंग द्वारा तैयार किया गया है. यह स्मारक दो भागों में पूरा किया गया है. पहले भाग में भवन का निर्माण पूरा कर फरवरी 2024 में जनता को समर्पित कर दिया गया था, उन्होंने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा संगत को समर्पित किए गए दूसरे भाग में भवन के दोनों विंगों के अंदर पाँच गैलरियाँ बनाई गई हैं. पहले भाग पर 17 करोड़ रुपए और दूसरे भाग पर 3 करोड़ रुपए की लागत आई है. उन्होंने कहा कि भाई जैता जी का जीवन सिख इतिहास का वह स्वर्णिम अध्याय है, जिस पर जितना भी गर्व किया जाए, वह कम है. भवन में प्रवेश करते ही रिसेप्शन पर स्मारक के मॉडल और वीडियो के माध्यम से जानकारी दी जाएगी.

पाँच गैलरियों का विवरण

  • इसके बाद पहली गैलरी में सिख गुरुओं साहिबान के बारे में जानकारी दी जाएगी और बताया जाएगा कि भाई जैता जी के पूर्वज गुरु साहिबान से प्रारंभ से ही जुड़े हुए थे. यहाँ आधुनिक तकनीक के माध्यम से इतिहास को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है.
  • इसी तरह दूसरी गैलरी में भाई जैता जी के माता-पिता का विवाह, उनका जन्म और उनके कुल की झलक दिखाई गई है.
  • इसके बाद तीसरी गैलरी में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार, उनका नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के पास आकर गुहार करना, गुरु जी का शहादत के लिए श्री आनंदपुर साहिब से प्रस्थान करना और चांदनी चौक में गुरु जी की शहादत को ऑडियो-विज़ुअल माध्यम से दर्शाया गया है. भाई जैता जी द्वारा गुरु जी का शीश लेकर आने का दृश्य भी दिखाया गया है.
  • इसी तरह चौथी गैलरी में पेंटिंग्स और ऑडियो-वीडियो के माध्यम से दिखाया गया है कि कैसे भाई जैता जी ने गुरु जी का शीश बाल गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को भेंट किया. इसमें “रंघरेटे गुरु के बेटे” की उपाधि, गुरु जी का शीश कीरतपुर साहिब से गुरुद्वारा सीसगंज साहिब तक नगर कीर्तन के रूप में ले जाना, भाई जैता जी को पहले नगाड़ची के रूप में दिखाना, खालसा पंथ का जन्म और भाई जैता जी की विभिन्न लड़ाइयों के दृश्य प्रदर्शित किए गए हैं.
  • पाँचवीं गैलरी में भाई जैता जी से संबंधित श्री आनंदपुर साहिब स्थित ऐतिहासिक तपस्थल, गुरु साहिब द्वारा अपने परिवार के साथ श्री आनंदपुर साहिब छोड़ने का दृश्य और अंत में भाई जैता जी के जीवन की सम्पूर्ण झलक एनीमेशन के माध्यम से प्रस्तुत की गई है. इसके बाद अगले भाग में एक गिफ्ट शॉप और पंजाब पर्यटन से संबंधित स्थलों को दर्शाया गया है.


    मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि पिछली सरकारों की लापरवाही के कारण इस परियोजना में देरी हुई, लेकिन हमारी सरकार ने इस प्रोजेक्ट की लगातार समीक्षा की और फंडों की कोई कमी नहीं आने दी. पिछले एक वर्ष में हमने 10 से अधिक बैठकों का आयोजन किया ताकि यह परियोजना जल्द से जल्द संगत को समर्पित की जा सके, उन्होंने सभी संगत से अपील की कि वे अपने परिवार सहित इस स्मारक के दर्शन अवश्य करें.

धार्मिक पर्यटन के लिए 18 करोड़ की परियोजना

उन्होंने बताया कि सिखों के महान तख्त श्री केसगढ़ साहिब तक जाने वाले मार्ग को सफेद संगमरमर से विरासत मार्ग के रूप में विकसित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर कुल 18 करोड़ रुपए की लागत आएगी. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 5 अक्तूबर को इस परियोजना की शुरुआत कर दी है और इसे लगभग 10 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि श्री आनंदपुर साहिब को विश्व स्तरीय धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में यह परियोजना अहम भूमिका निभाएगी, क्योंकि सफेद संगमरमर से बना विरासत मार्ग दुनियाभर में एक अनोखी मिसाल पेश करेगा. मुख्य सड़क से तख्त श्री केसगढ़ साहिब तक कुल 580 मीटर लंबे मार्ग पर सफेद संगमरमर लगाया जाएगा और कुल छह प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे.

विरासत मार्ग पर बनेगे आकर्षक गेट

इस विरासती मार्ग में सबसे पहले मुख्य सड़क की ओर से एक बड़ा और आकर्षक गेट बनाया जाएगा, जो संगतों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा. एक गेट सरोवर और पार्किंग की ओर होगा, एक गुरु तेग बहादुर म्यूजियम की दिशा में और बाकी गेट मुख्य सड़क से जुड़ने वाले अन्य रास्तों पर होंगे. विरासत मार्ग को खुला और छायादार बनाने के लिए जहाँ संगमरमर लगाया जाएगा, वहीं श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पवित्र बाणी में वर्णित वृक्ष लगाए जाएंगे. जैसे कि आम, कीकर, खजूर, ढाक, नीम, कपूर, केला, सिम्बल, बोधि (पीपल), बेरी और महुआ.

आनंदपुर साहिब के इतिहास की प्रदर्शनी भी होगी

इसके अलावा सरोवर के सामने वाले मार्ग और तख्त साहिब की ओर जाने वाली चढ़ाई पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सीढ़ियाँ बनाई जाएँगी. मार्ग के दोनों ओर शानदार पेंटिंग्स और अन्य तकनीकों के माध्यम से श्री आनंदपुर साहिब- खालसा पंथ के जन्मस्थल- के इतिहास को प्रदर्शित किया जाएगा. सौंद ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री ने 25 सितंबर को श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस से संबंधित राज्य स्तरीय आयोजनों के लिए लोगो भी जारी किया है.

शहादत दिवस पर कीर्तन दरबार और सेमिनार

बीते दिन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सिख संतों, महापुरुषों और विद्वानों के साथ तैयारियों को लेकर बैठक की गई, जिसमें मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव रखा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी के शहादत दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर “मानव अधिकार दिवस” के रूप में मनाया जाए, क्योंकि गुरु साहिब ने देशभर में धर्मनिरपेक्षता, साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारे को मजबूत किया. उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस के अवसर पर एक श्रृंखला के रूप में कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई है. इन कार्यक्रमों की शुरुआत 25 अक्तूबर को दिल्ली स्थित गुरुद्वारा सीसगंज साहिब में होगी. एक नवंबर से पूरे प्रदेश में कीर्तन दरबार आयोजित किए जाएंगे. 15 नवंबर से सभी शैक्षणिक संस्थानों में गुरु साहिब जी के जीवन, दर्शन और बलिदान पर सेमिनार होंगे.

नगर कीर्तन आनंदपुर साहिब में समापन

मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि 18 नवंबर को श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में कीर्तन दरबार आयोजित होगा और 19 नवंबर को वहाँ से नगर कीर्तन निकलेगा, जिसमें कश्मीरी पंडित शामिल होंगे. एक अन्य नगर कीर्तन 20 नवंबर को गोइंदवाल साहिब से निकलेगा, जबकि उसी दिन फरीदकोट और गुरदासपुर से भी नगर कीर्तन सजेगा. ये सभी चार नगर कीर्तन 22 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में संपन्न होंगे.

मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर राज्य सरकार द्वारा 23 से 25 नवंबर तक श्री आनंदपुर साहिब में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. श्री आनंदपुर साहिब में 12 हजार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए “चक्क नानकी” नामक टेंट सिटी बनाई जाएगी.

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