स्वास्थ्य

गर्मियों में बढ़ जाता है फूड पॉइजनिंग का खतरा, ऐसें रखें अपना ख्याल

गर्मी आते ही फूड पॉयजनिंग की समस्या बढ़ जाती है। खाने में कई बार लापरवाही बरतने से भी फूड पॉयजनिंग की समस्या हो सकती है। जिससे थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है। उल्टी-दस्त, बुखार, पेट दर्द जैसी समस्याएं गर्मियों में फूड पॉयजनिंग के चलते बहुत ही आम है, लेकिन अगर कुछ चीजों में जानकारी हो तो इससे बचा जा सकता है। खासतौर पर गर्मियों में खाने-पीने की चीजों में सावधानी बरतनी चाहिए।

हेल्थलाइन के मुताबिक, आमतौर पर बासी या खराब हो चुके भोजन को खाने और बैक्टीरिया, वायरस या कीट के संपर्क में आने के कारण फूड पॉइजनिंग होती है।

फूड पॉइजनिंग के कारण

फूड पॉइजनिंग के कई कारण होते हैं। यह आमतौर पर बैक्टीरिया या वायरस के कारण होती है। ये बैक्टीरिया या वायरस कई तरह से हमारे पेट में पहुंच सकते हैं, जैसे अधपका खाना खाने से या गंदे बर्तनों में पकाया गया खाना खाने से। ऐसे डेयरी प्रोडक्ट, जिन्हें उचित तरीके से फ्रिज में न रखा गया हो या लंबे समय तक उन्हें फ्रिज से बाहर रखा गया हो, भी फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं।
ऐसा ठंडा खाना खाने से भी फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है जिसे फ्रिज से निकालने के बाद दोबारा गर्म किए बगैर खाया गया हो। दो-तीन दिनों का रखा बासी खाना तो किसी भी मौसम में नुकसान पहुंचाता है और इस मौसम में और अधिक नुकसानदेह हो जाता है।

ये हैं लक्षण

फूड पॉयजनिंग में बुखार, उल्टी, दस्त होना, चक्कर आना और शरीर में दर्द होना आम बात है। पेट में मरोड़ के साथ दर्द रहता है, कमजोरी महसूस होने लगती है। सिर में लगातार दर्द रहता है। आंखों के सामने धुंधलापन छाने लगता है।

इन चीजों में ज्यादा होता फूड पॉयजनिंग का खतरा

  • कच्चा या पका हुआ मीट
  • मीट से बनी हुई चीजें सैंडविच बर्गर
  • रखा हुआ फ्रूट सैलेड
  • पैकेज फूड
  • डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दहूी
  • सीफूड
  • टमाटर
  • तरबूज
  • संतरे

किन चार चीजों की वजह से फैलता है फूड पॉयजनिंग का बैक्टीरिया

टाइम- 7 घंटे में फूड पॉइजनिंग के एक बैक्टीरिया से 20 लाख बैक्टीरिया बन सकते हैं। इसलिए ज्यादा देर तक रखी चीजें ने खाएं।

टेम्परेचर- फूड पॉइजनिंग के बैक्टीरिया 5 डिग्री सेल्सियस और 60 डिग्री सेल्सियल के बीच तेजी से फैलता हैं। इस टेम्परेचर रेंज के बाहर रखी चीजें न खाएं।

न्यूट्रिशन फूड- जिन चीजों में ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, उसमें बैक्टीरिया तेजी से फैलता हैं जैसे दूध, दही, अंडे और मांस।

पानी- बैक्टीरिया को बढ़ने के लिए पानी की जरूरत होती है। इसलिए गीली चीजों में फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।

फूड पॉइजनिंग होने पर क्या करें

  • जब हमारा शरीर फूड पॉइजनिंग से पीड़ित होता है, तो इन टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए अधिक पानी का इस्तेमाल करता है। इसलिए इस दौरान पानी पीते रहें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
  • यदि आपको उल्टी और दस्त हो रहे हैं, तो सिर्फ लिक्विड डाइट लें। ऐसी चीजों खाएं जिन्हें चबाना न पड़े।
  • गुनगुना पानी पिएं। पेट का दर्द असहनीय हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर अल्ट्रासाउंड कराएं।
  • डायरिया और उल्टी की वजह से शरीर से पानी के साथ-साथ सोडियम, पोटेशियम और अन्य मिनरल भी कम हो जाते हैं। इसलिए पानी के साथ इलेक्ट्रॉल पाउडर लें।
  • नमक और चीनी का घोल भी ऐसे में काफी फायदेमंद साबित होता है। स्पोर्ट्स ड्रिंक पीने से बचें।

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