एनबीसीसी की साइट के निरीक्षण के दौरान नियमों का उल्लघंन मिलने पर केजरीवाल सरकार ने लगाया 5 लाख का जुर्माना

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नई दिल्ली:  दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने‌ एंटी डस्ट अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की है। इसके तहत आज  कड़कड़डूमा में एनबीसीसी की साइट का निरीक्षण किया। नियमों का उल्लघंन मिलने पर पांच लाख का जुर्माना लगाया। गोपाल राय ने कहा कि इस अभियान के तहत 25 विभागों की टीमें दोबारा से दिल्ली में निर्माणाधीन साइटों का निरीक्षण करेंगी। एंटी डस्ट अभियान के पहले चरण में 450 निर्माणाधीन साइटों पर अनियमितता पाए जाने पर  करीब 1.30 करोड़ का जुर्माना लगाया गया।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने‌ एंटी डस्ट अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की

राय‌ ने आज एंटी डस्ट अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की है। जिसके तहत आज कड़कड़डूमा क्षेत्र में एनबीसीसी की निर्माणाधीन ‌साइट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चारों तरफ पराली जलने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले 10 दिनों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में 45 हजार से ज्यादा जगहों पर पराली जलायी गई। हवा के रूख में बदलाव के साथ प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।

इस अभियान के तहत 25 विभागों की टीमें दोबारा से दिल्ली में निर्माणाधीन साइटों का निरीक्षण करेंगी- गोपाल राय

उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर एंटी डस्ट अभियान की शुरुआत अक्टूबर से की गई थी। उसका दूसरा चरण आज से शुरू किया जा रहा है। हमारी टीमें दोबारा से दिल्ली में निर्माणाधीन साइटों का निरीक्षण करेंगी। निर्माणाधीन साइटों पर धूल के कण उड़कर हवा में मिलते हैं, जिससे  पीएम 10, पीएम 2.5 के स्तर में बढ़ोतरी होती है। ऐसे में एंटी डस्ट अभियान का दूसरा चरण आज से शुरू किया है। दिल्ली के अंदर करीब 25 विभागों को एंटी डस्ट टीम बनाने का निर्देश दिया है।

एंटी डस्ट अभियान के पहले चरण में 450 निर्माणाधीन साइटों पर अनियमितता पाए जाने पर करीब 1.30 करोड़ का जुर्माना लगाया गया-राय

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि एंटी डस्ट अभियान के पहले चरण में करीब ढ़ाई हजार साइटों का डीपीसीसी की टीम ने निरीक्षण किया था। उनमें से 450 साइटें ऐसी थी, जहां पर नियमों का उल्लंघन पाया गया था। उन पर करीब 1.30 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था। एंटी डस्ट अभियान के दूसरे चरण के पहले दिन कड़कड़डूमा में एनबीसीसी की साइट का निरीक्षण किया। यहां पर काफी नियमों का पालन करते हुए पाया गया। लेकिन कुछ जगहों पर धूल प्रदूषण रोकने के सही इंतजाम नहीं मिले। जिसके बाद एनबीसीसी के ऊपर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया है। जिससे कि इन नियमों का ठीक से पालन हो सके।