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मोकामा हत्याकांड के बाद सख्त हुआ चुनाव आयोग, अधिकारियों को हथियार जब्त करने और कड़ी निगरानी के निर्देश

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  • मोकामा हिंसा पर सख्त हुआ आयोग
  • अवैध हथियारों पर कसा शिकंजा
  • चुनावी हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी
  • वीणा देवी काफिले पर हमला हुआ
  • चार FIR में अनंत सिंह नामजद

Bihar News : बिहार के मोकामा में चुनावी हिंसा और दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद चुनाव आयोग सख्त हो गया है. आयोग ने राज्य के अधिकारियों को अवैध हथियारों की बरामदगी अभियान तेज करने का निर्देश दिया और लाइसेंसी हथियारों को जमा कराने के लिए कहा. आयोग ने कहा है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी जरूरी है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य में लॉ एंड ऑर्डर की विस्तृत समीक्षा भी की.

मोकामा में चुनावी हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने राज्य प्रशासन को कड़े निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने साफ कहा है कि शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए लॉ एंड ऑर्डर का कड़ाई से पालन किया जाए और अवैध हथियारों की बरामदगी अभियान को तुरंत तेज किया जाए. इसके साथ ही लाइसेंसी हथियारों को जमा कराने का भी आदेश दिया गया है.

चुनावी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. मोकामा में चुनावी हिंसा के बाद आयोग एक्शन मोड मे आ गया है. आयोग ने राज्य प्रशासन को निर्देश दिया है कि शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए लॉ एंड ऑर्डर का सख्ती से पालन किया जाए. साथ ही अवैध हथियारों की बरामदगी अभियान को तेज करने और सभी लाइसेंसी हथियार जमा कराने के आदेश दिए गए हैं. बैठक के बाद आयोग ने साफ कहा कि किसी भी कीमत पर चुनावी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

वीणा देवी के काफिले पर हमला

बता दें कि मोकामा में चुनावी रंजिश के बीच दुलारचंद यादव की हत्या के बाद FIR की संख्या बढ़ती जा रही है. ताजा घटना में आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी के समर्थकों की ओर से पंडारक थाने में एक और एफआईआर दर्ज की गई है. बताया गया कि शुक्रवार को दुलारचंद यादव की शव यात्रा के दौरान पंडारक में बवाल हुआ था, जिसमें वीणा देवी के काफिले की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई. इस मामले में सुमित, सोनू और गोलू को आरोपी बनाया गया है.

इससे पहले मोकामा हत्याकांड मामले में तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. पहली एफआईआर दुलारचंद के पोते नीरज कुमार की लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज हुई है. जिसमें अनंत सिंह, उनके भतीजे राजवीर और कर्मवीर सहित छोटन सिंह और कंजय सिंह को नामजद किया गया है.

तीन भदौर में और एक पंडारक में दर्ज

दूसरी एफआईआर अनंत सिंह के समर्थक जितेंद्र कुमार की शिकायत पर दर्ज हुई, जिसमें जनसुराज प्रत्याशी प्रियदर्शी पीयूष समेत छह लोगों को आरोपी बनाया गया है. तीसरी एफआईआर पुलिस ने दुलारचंद यादव हत्याकांड में खुद दर्ज की. पंडारक थाने की एक एफआईआर को मिलाकर अब तक मोकामा मामले में कुल चार एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. इनमें तीन एफआईआर भदौर थाने में, जबकि एक पंडारक थाने में दर्ज है.

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि मोकामा जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को लगातार क्षेत्र में निगरानी रखनी होगी. इसके अलावा पुलिस को निर्देश दिया गया है कि क्षेत्र में हथियार रखने वालों और असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित किया जा सके.

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