बीपीएससी बहाली के विरोध में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

Demonstration against Recruitment
Demonstration against Recruitment: बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा की गई भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी इस प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसे लैंड फॉर जॉब घोटाला बताया था। अब इसमें अभ्यर्थी भी आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन पर उतारू हैं।
Demonstration against Recruitment: की नारेबाजी, जांच की मांग
बुधवार दोपहर बीपीएससी(Bihar Public Service Commission) के द्वारा की गई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। ये अभ्यर्थी बीपीएससी ऑफिस के गेट के सामने पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। उनकी मांग थी कि बहाली में हुए फर्जीवाड़े की जांच हो। उन्होंने रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाए। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर वहां से लोगों को खदेड़ा।
छात्र नेता बोले, फर्जी डॉक्यूमेंट के बाद भी दे दिया नियुक्ति पत्र
छात्र नेता दिलीप कुमार का आरोप है कि इस भर्ती प्रक्रिया में चयनित कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनके डॉक्यूमेंट फर्जी हैं। इनको ज्वाइनिंग लेटर जारी किया जा चुका है। इनकी जांच होनी चाहिए। इन पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए इन्हें हटाना चाहिए। इसी के साथ दूसरी सूची जारी होनी चाहिए।
Demonstration against Recruitment: जीतनराम मांझी ने लगाए थे आरोप
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा(HAM) सुप्रीमो जीतनराम मांझी(JItan ram manjhi) ने प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, यह भर्ती प्रक्रिया शक के घेरे में है। यह लैंड फॉर जॉब (जमीन के बदले नौकरी देने) का मामला है। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया की जांच की मांग की है।
Demonstration against Recruitment: मनी फॉर जॉब का भी मामला बताया था
जीतनराम मांझी ने सीएम नीतीश सरकार पर यह आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। यह नियुक्ति लैंड फॉर जॉब की तर्ज पर की गई हैं। इसमें आरक्षण की अनदेखी कर लोगों को नौकरी दी गई है। उनका आरोप है कि यह मनी फॉर जॉब का भी मामला है। बिहार सरकार ने युवाओं के साथ अन्याय किया है।
रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार
ये भी पढ़ें: वो हाथ जो अंगुली पकड़कर चलना सिखाते थे, घिनौनी हरकतों पर उतारू