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दिल्ली सेवा अधिनियम अब बना कानून, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज शनिवार (12 अगस्त) को संसद के हंगामेदार मानसून सत्र के दौरान पारित विधेयक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद दिल्ली सेवा अधिनियम अब कानून बन गया है। उन्होंने तीन और विधेयकों – डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

अब विपक्षी दलों ने इन कानूनों के खिलाफ विरोध प्रकट किया है। इसके साथ ही, अरविंद केजरीवाल सरकार और विपक्षी एकता को झटका देते हुए, राज्यसभा ने पहले नियुक्तियों और तबादलों सहित दिल्ली सरकार के अधिकारियों से संबंधित विधेयक को मंजूरी दी थी, जो अब कानून बन गया है। इससे अब अफसरों के नियुक्तियों और तबादलों से जुड़े अधिकारों पर केंद्र को अधिक शक्ति मिली है।

बता दें राज्यसभा में वोटों दिल्ली सेवा विधेयक के पक्ष में सत्तारूढ़ गठबंधन को 131 सदस्यों का समर्थन मिला था। वहीं 102 सांसदों ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया था।

यह विधेयक 3 अगस्त 2023 को लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका था जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास बहुमत है।

बता दें अमित शाह ने  कहा, “यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संदर्भित करता है जो कहता है कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है। संविधान में ऐसे प्रावधान हैं, जो केंद्र को दिल्ली के लिए कानून बनाने की अनुमति देते है।” 

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