
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को बहस के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि जनता के बीच सरकार के प्रति कोई अविश्वास नहीं है। बता दें कि विपक्ष की लगातार मांग है कि मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी जवाब दें और इस वजह से अमित शाह के भाषण के बीच विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। इसको लेकर भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने नाराजगी जताई।
सांसद प्रज्ञा ठाकुर का कहना है कि विपक्ष के नेताओं ने इतने समय से संसद नहीं चलने दी, इसीपर अमित शाह ने अपने विचार व्यक्त किए। दरअसल, संविधान में नियम है कि देश में किसी भी प्रकार की हिंसा की बात हो तो इसका उत्तर गृहमंत्री ही देंगे, ये निश्चित होता है। लेकिन इनकी जिद अनर्गल थी। वह चाहते थे कि प्रधानमंत्री आएं, प्रधानमंत्री ही जवाब दें। लेकिन, संसद में कोई भी काम नियमों के तहत किया जाता है।
वहीं प्रज्ञा ठाकुर ने आगे कहा, इस बात पर अमित शाह ने स्पष्ट कहा है कि मैं गृहमंत्री हूं, मैं इसके लिए और देश की जनता के लिए जिम्मेदार हूं। सामने बैठे जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं और पूरे देश के लिए जिम्मेदार गृहमंत्री हैं। इसलिए उन्होंने जवाब दिया, लेकिन विपक्ष को न जवाब चाहिए और न ही इनको किसी प्रकार से प्रश्न करना आता है।
इतना ही नहीं, प्रज्ञा ठाकुर ने आगे कहा, विपक्ष की नैतिकता बनती ही नहीं है प्रश्न करने की। आज अमित शाह ने गिना-गिना कर इनके कारनामों के पन्ने खोले हैं, जिन्हें जनता ने देखा है। जनता आगे भी इनके कारनामे देखेगी और इन्हें अच्छे से समझेगी।
बता दें कि मणिपुर हिंसा को लेकर अविश्वास प्रस्ताव पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि हिंसा का कोई समर्थन नहीं करता। जो घटना हुई वह शर्मनाक है। साथ ही उसपर राजनीति करना और भी ज्यादा शर्मनाक है। एक भ्राति फैलाई गई है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहती। मैंने अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी. विपक्ष चर्चा नहीं चाहता था। आप गृह मंत्री को बोलने ही नहीं देना चाहते हो।
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