Bihar Durga Puja: पौराणिक इतिहास से जुड़ा है कोट बंजरीया माई स्थान, सैकड़ों की संख्या में आते हैं भक्तजन

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Bihar Durga Puja: बिहार के पश्चिम चंपारण के बगहा में स्थापित कोट बंजरीया माई स्थान अपने ऐतिहासिक गौरव गाथा के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर रोज से 5 किलोमीटर दूर से सैकड़ों की संख्या में भक्तजन देवी के दर्शन करने आते हैं। लोग बताते है कि इस स्थान की एक विशेषता है कि यह दरबार देवी राज दरबार की कुल देवी है जिनको वर्ष में मात्र एक दिन राज दरबार से बुलावा आता है। हर वर्ष नवरात्र के सप्तमी को देवी को डोली में बैठा कर राज दरबार ले जाया जाता है। इस समय दर्शन करने के लिए हजारों के संख्या में महिलाएं सड़क के दोनों ओर लम्बी कतार में हलवा पुड़ी बनाकर प्रसाद रूप में चढ़ाया जाता है।

Bihar Durga Puja: विधि-विधान से खुलती है राजदरबार

इस राज दरबार को बकायदा विधि-विधान से खोला जाता है। नवरात्र के षष्ठी तिथि को संध्या के समय राज दरबार से राजा, ब्राह्मण अपने डोली कहार लेकर कोट बंजरीया स्थान निमंत्रण देने जाते हैं। वहां से बेल को देवी रुप को मानकर डोली में मंत्रोच्चारण करते हुए कहार डोली लेकर निकलते हैं। दस दौरान करीब 5 किलोमीटर की दूरी तय किया जाता है। गांव के दर्जनों लोग दर्शन करने के लिए सड़क के किनारे आते हैं रात भर सड़क के दोनों ओर सजावट की जाती है।

पौराणिक इतिहास से जुड़ा है दरबार

इस राज दरबार की अपनी पौराणिक मान्यता है। माना जाता है कि रामनगर राजदरबार के बेटी मानी जाती है। कोट बंजरीया की देवी राजा को स्वपन में दिखा था। तब से राजा विधिवत पूजा अर्चना कर देवी की राज दरबार चलने का आग्रह किया। उसी समय से राज दरबार से डोली आता है कुल देवी को बुलाने राज दरबार की इस पूजा को देखने हजारों की संख्या में लोग डोली के पीछे-पीछे आते हैं। ये डोली पूजा-अर्चना के साथ रामनगर के लोग दर्शन करते हैं।

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