विपक्षी सांसदों के निलंबन पर गुस्साए शशि थरूर बोले- ‘संसदीय लोकतंत्र के लिए शोक संदेश…’

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही हंगामे का दौर जारी है। सदन की कार्यवाही में रोक डालने और हंगामा करने के आरोप में 143 सांसदों को अब तक निलंबित कर दिया गया है। विपक्षी गठबंधन के नेता लगातार इस कदम का विरोध कर रहें हैं। सांसदों के निलंबन शशि थरूर ने केंद्र पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा हमारे देश में संसदीय लोकतंत्र के लिए शोक संदेश लिखना शुरू करने का समय आ गया है।
शशि थरूर विपक्षी सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद भवन से विजय चौक तक निकाले जाने वाले मार्च में शामिल हुए थे। दरअसल, 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक की घटना को लेकर विपक्ष मोदी के खिलाफ सरकार आक्रमक दिखाई दे रहा है। विपक्ष की मांग है कि सुरक्षा की चूक मामले में सदन में चर्चा की जाए और गृह मंत्री अमित शाह घटना पर जवाब दें। जिसको लेकर संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष सदन में हंगामा कर रहा है।
जिसकी जिम्मेदारी संसद चलाना…
निलंबित लोकसभा सदस्य थरूर ने कहा, ‘संदेश बहुत सरल है, संसदीय लोकतंत्र में हम ऐसी स्थिति देख रहे हैं, जहां सरकार, जिसकी जिम्मेदारी संसद को चलाना है, वह इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।’ उन्होंने कहा कि केंद्र ने संसदीय लोकतंत्र की परंपरा का सम्मान करने की कोई इच्छा नहीं दिखाई है।
शाह पर वार
उन्होंने आगे कहा, ‘शाह ने एक मंत्री के रूप में अपने कर्तव्य को पूरा करने के बजाय, न केवल सदन में उपस्थित होने से इनकार करके संसदीय लोकतंत्र का अपमान किया है, जो उनका कर्तव्य है। बल्कि जो सदन में कह सकते थे उसे बाहर जाकर पत्रकारों से कहा।’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं में यही नियम है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसलिए हमारे दृष्टिकोण से, सरकार ने जो किया वह अस्वीकार्य था और संसदीय लोकतंत्र की परंपरा का सम्मान करने की कोई इच्छा नहीं दिखाई। दूसरी बात, जब सांसदों ने गृह मंत्री की उपस्थिति और इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, तो उन्हें निलंबित कर दिया गया।’
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