फटाफट पढ़ें:
- नतीजों पर नई राजनीतिक बहस तेज
- दीपांकर बोले—नतीजे अस्वाभाविक
- चुनाव में SIR के दाग दिखे
- दो सीटों पर जीत, तीन पर करीबी हार
- जनता के भरोसे पर जताया आभार
Bihar News : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा को जन्म दिया है. भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने परिणामों को बेहद अस्वाभाविक बताते हुए कहा है कि इसमें ‘एसआईआर’ के दाग साफ नजर आते हैं.
उनका कहना है कि ये नतीजे बिल्कुल 2010 के चुनावों की तरह प्रतीत होते हैं, जबकि हाल के दिनों में नीतीश कुमार सरकार की लोकप्रियता में काफी कमी आई है और केंद्र की मोदी सरकार भी पिछले एक साल में जनसमर्थन खो चुकी है. ऐसे में इस प्रकार के परिणाम जनता की भावना से मेल नहीं दिखते.
तीन सीटों पर 3,000 से भी कम अंतर
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी इस पूरे मामले की गहन समीक्षा करेगी और नतीजों से जुड़े सभी पहलुओं को ध्यान से समझेगी. उन्होंने दावा किया कि भाकपा (माले) ने इस चुनाव में दो सीटें पालीगंज और काराकाट जीतीं, जबकि अगिआंव (सु) सीट पर पार्टी सिर्फ 95 वोटों से पीछे रह गई. वहीं तीन अन्य सीटों बलरामपुर, डुमरांव और जीरादेई पर हार का अंतर 3,000 से कम रहा. उनका कहना है कि लगभग 3 प्रतिशत वोट शेयर के साथ पार्टी ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अपने प्रदर्शन को मजबूत किया है.
बिहार की जनता का धन्यवाद
भट्टाचार्य ने बिहार की जनता के प्रति आभार जताते हुए कहा कि लोगों का भरोसा उनकी पार्टी और भारत गठबंधन को आगे भी लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरित करता रहेगा. उन्होंने कहा कि पार्टी जनता की सेवा, उनके अधिकारों की सुरक्षा और देश के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करती रहेगी.
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