Uttar Pradesh

लखनऊ में भिखारियों की चांदी, कमाई के मामले में नौकरीपेशा वालों को छोड़ा पीछे

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भिखारियों को लेकर एक सर्वे किया गया। इस सर्वे में जो तथ्य सामने आए है उनसे एक बड़ा खुलासा हुआ है। सर्वे के मुताबिक लखनऊ के भिखारी नौकरीपेशा लोगों से ज्यादा कमाते है।

लखनऊ में नगर निगम, डूडा और समाज कल्याण द्वारा सर्वे कराया जा रहा है। अभियान के दौरान अफसरों को इन भिखारियों के पास से स्मार्ट फोन और पैन कार्ड तक मिले है। जानकारी के लिए बता दें कि इस सर्वे में 5312 भिखारी मिले है। अब इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने और मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस सर्वें में पांच टीमें लगी हुई है। बता दें भिखारियों से फार्म भराए जा रहे है। आधार कार्ड लिए जा रहे है।

63 लाख रुपए से ज्यादा रोज बांटते भीख

सर्वे के मुताबिक भीख से महिलाएं ज्यादा कमा लेती है। गर्भवती महिलाएं, गोद में बच्चा ली हुई महिलाएं एक दिन में लगभग 3 हजार रुपए कमा लेती हैं। वहीं बुजुर्ग महिलाएं और बच्चे नौ सौ से डेढ़ से दो हजार रुपए कमा लेते है। इसके अलावा खाना, पीना और कपड़ा मुफ्त में मिल जाता है। इसके आधार पर अफसरों के गणना के मुताबिक अगर एक भिखारी की एकदिन की लगभग 1200 रुपए की कमाई मान ली जाए तो कुल 63 लाख रुपए से ज्यादा रोज भिखारियों को लखनऊ के लोग बांट देते हैं।

लोगों से अपील

डीपीओ विकास सिंह और डूडा के परियोजना अधिकारी सौरभ त्रिपाठी ने लोगों से अपील की है कि भिखारियों को भीख न दें बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करें।

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