
Statue Unveiling by Nitish: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सहरसा जिले के पंचगछिया ग्राम के भगवती प्रांगण में प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने ‘कोसी का गांधी’ स्वातंत्र्यवीर रामबहादुर सिंह और उनके ज्येष्ठ पुत्र प्रखर स्वतंत्रता सेनानी पद्मानंद सिंह ‘ब्रह्मचारी’ की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमा अनावरण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने रामबहादुर सिंह एवं पद्मानंद सिंह ‘ब्रह्मचारी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
Statue Unveiling by Nitish: इस परिवार से हैं मेरे पुराने संबंध- नीतीश कुमार
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रामबहादुर सिंह एवं पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में आने का मौका मिला है। आप सबने मुझे आमंत्रित किया इसके लिए आप सभी का मैं अभिनंदन करता हूं। रामबहादुर सिंह एवं पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। रामबहादुर सिंह पूर्व सांसद आनंद मोहन के दादाजी थे। पद्मानंद सिंह ब्रह्माचारी इनके चाचा थे। पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनकी पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद ने मुझे इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया था। इनलोगों से मेरा पुराना पारिवारिक संबंध है।
‘1919 में रामबहादुर बाबू ने किया था अंग्रेजों के काले कानून का विरोध’
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामबहादुर बाबू का जन्म सन 1901 में हुआ और उनकी मृत्यु सन 1950 में हो गई थी। रामबहादुर बाबू स्वामी सहजानंद सरस्वती के संपर्क में सन 1919 में आए और अंग्रेजों द्वारा लाए गए काले कानून रॉलेट एक्ट का विरोध करते हुए अपनी गिरफ्तारी दी थी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन को सफल बनाने के लिए रामबहादुर बाबू ने सन 1920 में सैकड़ों लोगों के साथ मिलकर कोसी सेवक दल का गठन किया और कोसी क्षेत्र में विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया। खादी ग्राम उद्योग की शुरुआत की। 1925 में जब गांधीजी बिहार आए थे और पूर्णिया, अररिया, फारबिसगंज आदि जगहों पर गए तो भ्रमण के दौरान रामबहादुर बाबू उनके साथ रहे थे।
Statue Unveiling by Nitish: ‘1930 में नमक सत्याग्रह आंदोलन में की थी सहभागिता’
सीएम ने बताया कि सन 1930 में रामबहादुर बाबू ने गांधीजी के नमक सत्याग्रह आंदोलन में भी भाग लिया। रामबहादुर बाबू ने बापू से प्रेरणा लेकर लोगों को नशा से दूर रहने का आहवान किया था। आज आपसब यहां उपस्थित हैं मैं यहां आपलोगों से भी कहना चाहता हूं कि बापू की बातों को याद रखें और लोगों को नशा से दूर रहने के लिए प्रेरित करते रहें।
Statue Unveiling by Nitish: ‘भूकंप में मकान ध्वस्त फिर भी पीड़ितों के लिए दान किया अपना धन’
वर्ष 1934 में जब बिहार में भूकंप आया था और गांधीजी भूकंप पीड़ितों से मिलने मुंगेर पहुंचे थे तो पंचगछिया ग्राम भी आकर रामबहादुर बाबू से मिले थे क्योंकि इनका घर भी भूकंप में ध्वस्त हो गया था। ऐसी स्थिति में भी रामबहादुर बाबू की धर्मपत्नी कुंती देवी ने अपना धन बापू के समक्ष दान में दे दिया था ताकि पीड़ितों की मदद की जा सके। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भी रामबहादुर बाबू ने सक्रिय भूमिका निभाई थी।
Statue Unveiling by Nitish: ‘कुछ लोग बदलना चाहते हैं देश का इतिहास’
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामबहादुर बाबू के पुत्र पद्मानंद सिंह ब्रह्माचारी’ ने भी 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। पद्मानंद सिंह का जन्म वर्ष 1921 में और मृत्यु वर्ष 2016 में हुई । मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति अपनी जगह है, आनंद मोहन से मेरा पारिवारिक संबंध है। इनके घर हम पहले भी आते रहे हैं और इनके माताजी-पिताजी से आशीर्वाद लेते रहे हैं। आज प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम के अवसर पर आकर मुझे खुशी हो रही है। कुछ लोग देश के इतिहास को बदलना चाहते हैं लेकिन हम सबको सचेत रहना है। सभी लोग नयी पीढ़ी को इतिहास के बारे में बताते रहिए। इस दौरान कार्यक्रम आयोजक फ्रेंड्स ऑफ आनंद द्वारा मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र, प्रतीक चिह्न आदि भेंट किए गए।
Statue Unveiling by Nitish: जेडीयू के ललन सिंह सहित कई नेता रहे उपस्थित
कार्यक्रम को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पूर्व सांसद आनंद मोहन, पूर्व सांसद लवली आनंद, विधायक चेतन आनंद, आनंद मोहन के सुपुत्र अंशुमन आनंद, पूर्व मुखिया चंद्रशेखर ठाकुर और फ्रेंड्स ऑफ आनंद के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णानंद यादव ने भी संबोधित किया। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सादा, विधायक पन्ना लाल पटेल, विधायक गुंजेश्वर साह, सहरसा के जदयू जिलाध्यक्ष चंद्रदेव मुखिया, पंचगछिया ग्राम पंचायत के मुखिया रौशन सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, फ्रेंड्स ऑफ आनंद के सदस्यगण, कोसी प्रमंडल के आयुक्त मनोज कुमार, कोसी प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक शिवदीप लांडे, सहरसा के जिलाधिकारी वैभव चौधरी, सहरसा के पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।
रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार
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