नवरत्न जड़ित अंगूठी धारण करने की ये है सही विधि, बड़ी-बड़ी हस्तियां भी करती हैं धारण

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नवरत्न जड़ित अंगूठी धारण करने की सही विधि क्या है? ज्योतिष (jyotish) में ग्रहों की चाल व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालती है।

नवरत्न जड़ित अंगूठी
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नवरत्न जड़ित अंगूठी धारण करने की सही विधि क्या है? ज्योतिष (Jyotish Shashtra) में ग्रहों की चाल व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालती है। कई बार ग्रह मनुष्य के जीवन में बुरा प्रभाव डालते हैं। लेकिन रत्न धारण करने से ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है। कई बार हम देखते हैं कि बड़े-बड़े लोग हाथ में नवरत्न (Navratna) की अंगूठी धारण करते हैं।

नवरत्न जड़ित अंगूठी का भी रत्न शास्त्र (Ratna shastra) में विशेष महत्व है। माना जाता है कि नवरत्न धारण करने से जीवन में नकारात्मकता (Negativity) नहीं रहती। इसको धारण करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी नहीं रहती। कई बार लोग नवरत्न (Navratna) के बारे में सुनकर अधूरी जानकारी के साथ ही इसे बनवाकर धारण कर लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिये।

कहा जाता है कि बिना जाने-समझे इसको धारण करने से इसका विपरीत असर भी हो सकता है। नवरत्न (Navratna) अंगूठी को सदैव अच्छे दिन धारण करना चाहिये। आइए ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) के अनुसार आपको बताते हैं कि नवरत्न धारण करने की सही विधि क्या है?

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नवग्रह के बुरे प्रभाव से बचाती है रिंग

रत्न शास्त्र के अनुसार नवरत्न अंगूठी नवग्रहों (Navgrah) के बुरे प्रभावों को कम करती है। इसे पहनने से शरीर नकारात्मक विचारों से दूर रहता है। इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा (Positivity) का विकास होता है। आपको बता दें कि ग्रह दशा के आधार पर ही कुंडली (Kundali) में शुभ रत्न का चयन किया जाता है।

हर ग्रह का है अपना रत्न

नवरत्न अंगूठी में नौ रत्न जड़े होते हैं। कहते हैं कि इसे शुक्रवार के दिन धारण करने से ये विशेष फल देती है। सूर्योदय के बाद 1 घंटे के अंदर ही अंदर यदि धारण करें तो शुभ होता है। इसे धारण करने के लिए रविवार का दिन शुभ होता है।

अगर आप भी नवग्रह (Navgrah) जड़ित अंगूठी धारण करने जा रहे हैं तो एक बार योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए।

नोट- यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। हिंदी खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है।