Uttarakhand: बजट सत्र से पहले गरमाया राजधानी गैरसैंण का मुद्दा

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विधानसभा का बजट सत्र गैरसैंण में होने जा रहा है। लेकिन सत्र से पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने स्थायी राजधानी के मुद्दे पर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि उनके शासनकाल में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया और अब इस घोषणा से आगे बढ़ने का समय है।

तेरह मार्च से गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा में बजट सत्र शुरू होगा। सत्र को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। लेकिन सत्र शुरू होने से पहले एक बार फिर राजधानी गैरसैंण का मुद्दा गरमा गया है। अपने बयानों से कई बार अपनी ही पार्टी की सरकार को असहज करने वाले पूर्व सीएम और वरिष्ठ भाजपा नेता त्रिवेंद्र रावत ने अब स्थायी राजधानी का मुद्दा छेड़ दिया है।

अल्मोड़ा दौरे पर आए त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि उनके कार्यकाल में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा दिया गया और इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया। त्रिवेंद्र रावत का कहना है कि उनके कार्यकाल में गैरसैंण क्षेत्र के विकास के लिए पैकेज की भी घोषणा की गई। ऐसे में अब इस घोषणा से आगे कदम बढ़ाने का समय है।

वहीं अल्मोड़ा से बीजेपी सांसद अजय टम्टा ने कहा है कि प्रदेश सरकार पर्वतीय राज्य की संकल्पना के अनुसार गैरसैंण में तमाम विकास योजनाओं पर काम कर रही है। अजय टम्टा का कहना है कि स्थायी राजधानी का मुद्दा सामूहिक फैसले से संभव है जिस पर सभी राजनीतिक दलों को मिलकर विचार करना होगा।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद राजधानी गैरसैंण का मुद्दा लगातार उठता रहा है। राज्य में दो बार कांग्रेस की सरकार रही। तो 4 बार भाजपा को सत्ता मिली। लेकिन दोनों दलों की सरकार ने स्थायी राजधानी के मुद्दे पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया। कांग्रेस सरकार के शासनकाल में गैरसैंण के भराड़ीसैंण में विधानभवन का निर्माण हुआ।

तो वहीँ भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया। लेकिन अभी भी  राज्य की स्थाई राजधानी के मुद्दे पर असमंजस बना हुआ है। ऐसे में त्रिवेंद्र रावत ने विधानसभा के बजट सत्र से पहले इस मुद्दे को छेड़कर धामी सरकार पर फिर से दबाव बढ़ा दिया है।

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