Uttarakhand: शुभम बधानी ने शुरू की घोड़ा लाइब्रेरी, आपदा में बच्चों तक पहुंचा रहे पुस्तकें

जहां एक ओर उत्तराखंड लगातार बारिश का दौर जारी है, जिस कारण विभाग को स्कूलों को बंद करना पड़ा है। वहीं कई गांव में बादल फटने के कारण जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसी परिस्थितियों में बच्चों की शिक्षा को लेकर भी एक बहुत बड़ा संकट सभी के सामने हैं। इस परिस्थिति में पहाड़ के बच्चों के घर तक पुस्तकें पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया। आपदा के दौरान बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत ना हो और पठन पाठन की सामग्री बच्चों की पढ़ाई में बाधा ना बनें, इसके लिए गांव के युवक शुभम, सुभाष समेत अन्य लोगों ने गांव के बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया है। जो आपदा के दौरान गांव-गांव जाकर बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं।
नैनीताल के सुदूरवर्ती कोटाबाग विकासखंड के गांव बाघनी, जलना, महलधुरा, आलेख, गौतिया, ढिनवाखरक, बांसी में भारी बरसात के बाद हुई छुट्टियों में भी हिमोत्थान द्वारा संकल्प यूथ फाउंडेशन संस्था की मदद से, बच्चों तक बाल साहित्यिक पुस्तकें पहुंचाई जा रही हैं। गर्मियों की छुट्टियों से शुरू हुआ घोड़ा लाइब्रेरी का यह सिलसिला बरसात की कठिनाईयों में जारी है।
शुभम बधानी ने बताया
शुभम बताते हैं कुछ दिनों पूर्व तक मोटरसाइकिल के माध्यम से गांव-गांव जाकर मोटरसाइकिल लाइब्रेरी के माध्यम से पुस्तकें पहुंचा रहे थे। लेकिन बीते दिनों उत्तराखंड में आई आपदा के बाद से सड़कें पूरी तरह बंद हो गई है। जिसके बाद उन्होंने घोड़ा लाइब्रेरी शुरू की है, जिसके माध्यम से इन दिनों गांव-गांव जाकर बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं।
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