Uttarakhand

Uttarakhand: भूस्खलन से प्रभावित जोशीमठ का पुनर्निर्माण इतने करोड़ से होगा: केंद्रीय सरकार

केंद्रीय मोदी सरकार ने बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के जोशीमठ में 1658.17 करोड़ रुपये की पुनर्निर्माण योजना को मंजूरी दी। पिछले दिनों जोशीमठ में भूस्खलन और जमीन धंसने से नुकसान हुआ है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्षता में जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी।राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के पुनर्निर्माण प्रकोष्ठ को इस योजना के तहत 1079.96 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता दी जाएगी, एक आधिकारिक घोषणा के अनुसार।

बयान के अनुसार उत्तराखंड सरकार राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से 126.41 करोड़ रुपये और राज्य के बजट से 451.80 करोड़ रुपये मुहैया कराएगी। इसमें पुनर्वास के लिए 91.82 करोड़ रुपये की भूमि अधिग्रहण लागत भी शामिल है। बयान में कहा गया है कि जोशीमठ भूस्खलन और भू-धंसाव से प्रभावित हुआ था और केन्द्र सरकार ने राज्य को सभी आवश्यक तकनीकी और अन्य जरूरी सहायता प्रदान की है।

रिकवरी योजना तीन वर्ष में लागू होगा

उसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के निर्देश और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी तकनीकी एजेंसियों ने जोशीमठ के लिए एक ‘रिकवरी’ योजना बनाने में राज्य सरकार की मदद की है। बयान में कहा गया है कि जोशीमठ के लिए रिकवरी योजना को तीन वर्ष में लागू किया जाएगा। तब जोशीमठ पारिस्थितिक स्थिरता का एक शानदार उदाहरण बन जाएगा।

भूमि धंसाव से घरों में दरारें आईं

जनवरी में जोशीमठ में घरों और जमीन पर दरारें आ गईं, जिसके परिणामस्वरूप बहुत से लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में स्थानांतरित करना पड़ा। सितंबर में जोशीमठ में भूमि धंसाव का अध्ययन करने वाली संस्थाओं ने एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में पहाड़ी शहर के ढलान पर होने, जनसंख्या दबाव, बहुमंजिला इमारतों का निर्माण और ऊपरी क्षेत्रों से आने वाले पानी का उचित प्रबंधन नहीं होने को मौजूदा संकट का कारण बताया गया।केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, केंद्रीय भूजल बोर्ड, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने इस समस्या का अध्ययन किया।

ये भी पढ़ें: PM को पनौती कहने पर ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने राहुल गांधी को बोला पप्पू

Related Articles

Back to top button