
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। बात चाहे राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के प्रस्ताव पर मुहर लगाने की रही हो या फिर विधायकों की विधायक निधि में भारी इजाफे का प्रस्ताव, कई बड़े फैसले लिए गए।
सीएम धामी ने राज्य कैबिनेट में विधायक निधि बढ़ाकर 5 करोड़ कर सत्तापक्ष के साथ साथ विपक्षी विधायकों को भी खुश करने वाला दांव खेल दिया है। जबकि राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के प्रस्ताव पर भी धामी कैबिनेट ने मुहर लगाकर एक तबके की लंबी मांग मंजूर कर दी है। राज्य आंदोलनकारियों कोसरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का फायदा 2011 से नहीं मिल पा रहा था।
दरअसल विधायक निधि त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के समय भी बढ़ाई गई थी और अब धामी सरकार ने पौने चार करोड़ से इसे बढ़ाकर 5 करोड़ करने का फैसला लिया है। जाहिर है विधायक निधि बढ़ाकर सीएम धामी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं।
जहां विधायक निधि बढ़ने से सत्तापक्ष के विधायक खुशी के मारे “बम बम” करेंगे। वहीं “सीएम धामी वीक हैं। इसलिए भर्ती पेपर लीक हैं” का कोरस गा रहे विपक्ष के विधायकों का गुस्सा भी कुछ हद तक शांत हो जाएगा।
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