Uttar Pradesh: शासन के निर्देश के बावजूद, छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे शिक्षक

चंदौली: भारत की केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार परिषदीय विद्यालयों की दशा-दिशा में सुधार लाने के लिए करोड़ो रूपये खर्च कर रही है। जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ उज्ज्वल भविष्य दिया जा सके।लेकिन सरकार की ये मंसा कुछ भ्रस्ट सरकारी नुमाइंदों के कारण धरातल पर फलीभूत होती नहीँ दिखाई दे रही है। जिन शिक्षकों के हाथों में नौनिहालों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी सौपी गयी है वहीं शिक्षक लापरवाह बने हुए हैं। समय से विद्यालय न जाना अध्यापकों की दिनचर्या बन चुकी है। और मजे की बात ये भी हैं कि इन अध्यापकों के समय से विद्यालय न आने के बारे में अधिकारियों से शिकायत भी की जाती है लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं करते हैं।
दरअसल पूरा मामला शहाबगंज बीआरसी क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय बरांव का है। जहाँ हिन्दी खबर की टीम 09:27 बजे कम्पोजिट विद्यालय बरांव पहुंची तब विद्यालय में प्रधानाध्यापक समेत 04 अध्यापक मौजूद मिले वहीं 07 अध्यापक स्कूल से गायब मिले। स्कूल के बच्चों से पूछने पर बच्चों ने बताया कि स्कूल में 04 अध्यापक मौजूद हैं। बाकी के अध्यापक अभी नहीं आये हैं। जबकि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार सुबह 09 बजे स्कूल खोलना है और 03 बजे बन्द करना है। हालांकि कम्पोजिट विद्यालय बरांव में अध्यापकों का समय से विद्यालय न आना कोई नई बात नहीं है।
शहाबगंज बीआरसी क्षेत्र में ऐसे कई विद्यालय हैं जहाँ अध्यापक अक्सर गायब रहते हैं। बच्चे पढ़े या न पढ़े गुरुजी से क्या मतलब है। गुरुजी की सैलरी तो टाइम से मिल ही रही है। कम्पोजिट विद्यालय बरांव के अध्यापक सैलरी तो सरकार से लेते हैं लेकिन ड्यूटी अपने घर पर देते हैं। शहाबगंज बीआरसी क्षेत्र में लापरवाह अध्यापको के चलते परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा ब्यवस्था चरमरा गई है।किस तरह लापरवाह अध्यापक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ।ये साफ देखा जा सकता है।
परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों में ड्यूटी के प्रति बढ़ती लापरवाही के जिम्मेदार काफी हद तक शिक्षा विभाग के अधिकारी हैं। जो कि शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं करते हैं। कहीं न कहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। शायद यही वजह है कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या निरंतर घट रही है और कॉन्वेंट स्कूलों में बच्चों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है।
बाईट – संजय कुमार, प्रधानाध्यापक
बाईट – खुशी, छात्रा कक्षा 07
बाईट – अमन , छात्र कक्षा 07
बाईट – सागर , छात्र कक्षा 07