जहांगीरपुरी में बुलडोजर की कार्रवाई पर भड़के SP सांसद शफीकुर्रहमान बर्क, कही ये बात

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बुलडोजर की कार्रवाई पर संभल सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) भड़क गए हैं। सांसद ने कमेटी के साथ 22 अप्रैल को जहांगीरपुरी मस्जिद जाने का ऐलान किया है।

Shafiqur Rahman Barq
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संभल: जहांगीरपुरी दंगे और बुलडोजर की कार्रवाई पर संभल सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) भड़क गए हैं। सांसद ने कमेटी के साथ 22 अप्रैल को जहांगीरपुरी मस्जिद जाने का ऐलान किया है। वहीं सांसद ने जहां संभल में जामा मस्जिद पर जल चढ़ाने की कोशिश पर हजाऱों लोगों का खून बहने की चेतावनी दी। वहीं सांसद के पौत्र और मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा के विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने पूरे सरकारी सिस्टम पर सवाल उठाते हुए एक सीमा तक बर्दाश्त करने की चेतावनी दी है।

जहांगीरपुरी में बुलडोजर की कार्रवाई पर भड़के SP सांसद शफीकुर्रहमान बर्क

संभल के सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने अपने आवास पर अचानक पीसी का ऐलान किया। जहां 94 साल के सांसद ने जहांगीरपुरी में मस्जिद के पास से इन्क्रोचमेंट हटाने की कार्रवाई का कड़ा विरोध कर 22 अप्रैल को जहांगीरपुरी जाने का बड़ा ऐलान किया। वहीं संभल में जुमा अलविदा और ईद पर प्रशासन को सही इंतजाम रखने की चेतावनी दी। साथ ही उन्होनें संभल की जामा मस्जिद की घटनाओं पर पूरे सिस्टम को आड़े हाथ लेते हुए हजारों लोगों का खून बहने की बात कही। सांसद के पुत्र कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने तो शांति की एक सीमा भी तय कर दी।

22 अप्रैल को जहांगीरपुरी जाएंगे SP सांसद डॉ बर्क

बता दें कि इससे पहले बर्क (Shafiqur Rahman Barq) ने अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया था। उन्होनें आरोप लगाते हुए कहा था कि समाजवादी पार्टी पर मुसलमानों के लिए कोई काम नहीं कर रही है। साथ ही रहमान बर्क ने योगी सरकार को लेकर भी कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार मुसलमानों के साथ इंसाफ नहीं कर रही है। CM काम तो कर रहे हैं, लेकिन सिर्फ अपने हिसाब से। भाजपा सरकार का मुस्लिमों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं है।

विवादित बयानों के लिए मशहूर हैं शफीकुर्रहमान बर्क

पा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (SP MP Burke) पहले से अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। इससे पहले भी उन्होनें अगस्त 2021 में तालिबान की कथित रूप से हिमायत करते हुए कहा था कि तालिबान एक ताकत है और उसने अफगानिस्तान में अमेरिका के पांव नहीं जमने दिए। तालिबान अपने देश को आजाद कराना चाहते हैं। यह उनका व्यक्तिगत मामला है।