Sitamarhi: मानव तस्करी का खुलासा, आरोपी महिला 7 बच्चों को ले जा रही थी महाराष्ट्र

Sitamarhi: मानव तस्करी का खुलासा, आरोपी महिला 7 बच्चों को ले जा रही थी महाराष्ट्र
Sitamarhi: बिहार के सीतामढ़ी जिला अंतर्गत भारत- नेपाल सीमा से एक साथ सात बाल मजदूर पकड़े गये है। यानी बॉर्डर पर एसएसबी की मुस्तैदी से सात बच्चे तस्करों का शिकार होने से बच गए। एसएसबी ने बाल मजदूरों को मुक्त ही नहीं कराया, बल्कि महिला तस्कर को भी गिरफ्तार किया। सभी बाल मजदूर नेपाल के निवासी है। इन्हें तस्कर महाराष्ट्र ले जा रहे थे। इन बच्चों से अवैध काम कराए जाते हैं। बच्चों से मजदूरी कराई जाती है। ध्यान रहे कि भारत में बाल मजदूरी पर पूरी तरह से रोक है। इसके लिए बाल कल्याण अधिनियम भी बनाया गया है।
बच्चों को टेंपो से ले जा रहे थे तस्कर
बताया गया है कि नेपाल से टेंपों से तस्कर इन बच्चों को लेकर आ रहे थे। बॉर्डर पार करते ही एसएसबी ने इन बच्चों के साथ एक महिला तस्कर और उसके पुत्र को दबोच लिया। महिला तस्कर का पुत्र भी तस्करी में शामिल है। एसएसबी ने बच्चों एवं तस्करों को पुलिस के हवाले कर दिया। इस संबंध में एसएसबी के उप निरीक्षक सरतचंद्र बरुआ ने सोनबरसा थाना में बाल तस्करी को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई है। अब स्थानीय पुलिस इस मामले की जांच करेगी।
भारत के तस्कर, नेपाल के बाल मजदूर
गिरफ्तार तस्करों की पहचान सीतामढ़ी जिले के बेला थाना क्षेत्र के नरंगा दक्षिणी पंचायत के जयनगर गांव निवासी रिझन मुखिया की पत्नी कालो देवी और उसके पुत्र विक्रम कुमार के रूप में की गई है। पूछताछ में दोनों मानव तस्करों ने एसएसबी को बताया है कि सभी बाल मजदूर नेपाल के सर्लाही जिला के मंलगवा थाना क्षेत्र के पोखरिया गांव एवं महोतरी जिला के ब्रह्मपुरी गांव के है। सभी सातों बाल मजदूरों की उम्र 13 से 16 वर्ष की है। तस्करों की माने तो बच्चों के अभिभावक की स्वीकृति पर इन्हें बाहर ले जा रहे थे।
अभिभावक को दिए है एडवांस रूपये
तस्करों ने खुलासा किया है कि इन बच्चों के गार्जियन में से किसी को 1500, 2500 तो किसी को 5000 हजार रुपया बतौर एडवांस राशि दिया गया है। बाल मजदूरों ने बताया कि उनके माता-पिता को महाराष्ट्र में मछली कारोबारी के यहां काम करने के एवज में प्रति माह 5000 हजार मजदूरी देने की शर्त पर तस्कर उन्हें बाहर ले जा रहे है। थानाध्यक्ष शंभूनाथ सिंह ने बताया कि नेपाल पुलिस से सम्पर्क कर बच्चों के माता-पिता को बुलाया जा रहा है। पहचान कर बच्चों को उनके माता – पिता को सुपुर्द किया जायेगा। दोनों महिला एवं पुरूष तस्करों के विरूद्ध मानव तस्करी का मामला दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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