आजम खान के साथ शिवपाल, ट्वीट कर बोले- मैं आपके साथ था, हूं और रहूंगा

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Shivpal with Azam Khan: शिवपाल यादव ने ट्वीट कर कहा अच्छी और ईमानदार सोच हमेशा अपने मुकाम पर पहुंचती है! मैं आपके साथ था, हूं और रहूंगा।

Shivpal with Azam Khan
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Shivpal with Azam Khan: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद से ही समाजवादी पार्टी में उथल-पुथल और पार्टी में अंदरूनी कलह काफी समय से चल रही है। वहीं आज प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव Shivpal Yadav ने आज ट्वीट करके सियासी हलचल मचा दी है। करीब 26 महीने से सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान को लेकर शिवपाल यादव ने लिखा अच्छी और ईमानदार सोच हमेशा अपने मुकाम पर पहुंचती है! मैं आपके साथ था, हूं और रहूंगा।

मैं आपके साथ था, हूं और रहूंगा

साथ ही आपको बता दें कि आज सपा नेता आजम खान (Shivpal with Azam Khan) की जमानत पर सुनवाई होनी है। कपिल सिब्बल कोर्ट में जमानत याचिका पर आज अपना पक्ष रखेंगे। शत्रु संपत्ति मामले में आजम खान की जमानत अभी तक नहीं हुई है। इस पर आज फैसला आ जाएगा कि आजम की ईद घर पर मनेगी, या फिल जेल में मनेगी। इससे पहले इस आखिरी मामले में जमानत मिलने की उम्मीदों पर यूपी सरकार ने पानी फेर दिया था। शत्रु संपत्ति मामले में आजम खान (Azam Khan Bell Case) के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। लेकिन इस मामले में यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में कुछ और तथ्य पेश करने के लिए अर्जी दाखिल कर मोहलत मांगी थी।

चाचा शिवपाल यादव से कोई नाराजगी नहीं- अखिलेश

इससे पहले सपा में शिवपाल यादव Shivpal Yadav को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच अखिलेश यादव Akhilesh Yadav ने अपनी चुप्पी तोड़ी थी। अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर चाचा शिवपाल यादव बीजेपी में जाना चाहते हैं तो जाए, काहे देर कर रहे हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि उनकी चाचा शिवपाल यादव से कोई नाराजगी नहीं है। अगर वह बीजेपी में जाना चाहते है, तो जरूर जाएं।

आजम खान को 72 केसों में 71 में मिल चुकी है जमानत

बता दें कि आजम खान को 72 केसों में 71 में जमानत मिल चुकी है। आजम को 5 मामलों में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। एक दर्जन मामलों में इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। वहीं बाकी मामलों में निचली अदालत से आजम खान को जमानत मिल चुकी है। आजम खान (Azam Khan) सिर्फ एक मुकदमे में जेल में बंद है। 19 अगस्त 2019 को रामपुर के अजीम नगर थाने से केस ट्रांसफर हो गया था। मामला केंद्र सरकार की कस्टोडियन डिपार्टमेंट शत्रु संपत्ति का था और यूपी शिया वक़्त बोर्ड की प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ था। विवाद तकरीबन 86 बीघा जमीन का है। जिसकी बाजार में करोड़ों की कीमत है।