संजय राउत और कांग्रेस नेता संजय निरूपम में क्यों छिड़ी बहस ?

Raut Nirupam Row: शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) के कांग्रेस लोक लेकर दिए एक बयान पर विवाद पैदा हो गया है. कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शनिवार को प्रेस कांफ़्रेंस कर कहा कि संजय राउत को रोज़ प्रेस कांफ्रेंस करने का शौक है लेकिन इसे कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
मेरी बात का गलत मतलब निकाला- राउत
दरअसल, संजय राउत ने एक दिन पहले कहा था, ‘कांग्रेस को शून्य से शुरू करना होगा.’ लेकिन शनिवार को राउत ने एक प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट किया कि उनका वो मतलब नहीं था. उन्होंने कहा, “मैंने ये नहीं कहा कि कांग्रेस शून्य है.’ महाराष्ट्र में कांग्रेस के काडर हैं, उसके नेता हैं, कांग्रेस पार्टी है. हमारे साथ उनका गठबंधन है और रहेगा. मैंने इतना ही कहा था. लेकिन कांग्रेस के पास आज एक भी सांसद नहीं हैं. आज नहीं है.”
Raut Nirupam Row: फिलहाल कांग्रेस के महाराष्ट्र से एक भी सांसद नहीं
“हमारे पास 18 सांसद थे, जिनमें कुछ चले गए, छह बाकी हैं. एनसीपी के पास चार पांच एमपी थे. कांग्रेस के पास अभी कुछ नहीं है. लेकिन महा विकास अघाड़ी में हम सभी एक साथ लगभग 40 सीटें जीत पाएंगे. ऐसी ताक़त है हमारी और इसमें कांग्रेस का भी योगदान रहेगा.”
संजय राउत ने कहा कि बिना पद के एक कांग्रेसी नेता हैं जो उलटी पुलटी बातें कर रहे हैं.
एक पत्रकार ने संजय राउत से कहा, ‘उस नेता ने बयान में कहा था कि शिवसेना यहां एक भी सीट नहीं जीत सकती.’
मिलकर ही जीत सकते हैं देश
संजय राउत ने कहा, “आने दीजिए बयान. हमारी इतनी ताक़त है कि अपने पुराने आंकड़ों को फिर से हासिल कर लेंगे. अगर हम एक सीट भी नहीं जीत सकते तो आप भी नहीं जीतेंगे. एक साथ मिलकर ही पूरे देश में जीत सकते हैं. कोई भी पार्टी अकेले जीतने की स्थिति में नहीं है. बीजेपी को भी जीतने के लिए ईवीएम चाहिए.”
असल में राजनीति की समझ रखने वाले इस बयानबाज़ी को शीट शेयरिंग की रस्साकशी शुरू होने के रूप में देख रहे हैं.
Raut Nirupam Row: संजय निरूपम का बयान
शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर संजय निरूपम ने संजय राउत पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को शून्य कहने वाले ने कभी एक प्रखंड का चुनाव भी नहीं जीता. ये अच्छी बात है कि उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया.
उन्होंने कहा कि ‘संजय राउत को रोज़ प्रेस कांफ़्रेस करने का शौक है. लेकिन इसका इस्तेमाल कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस को टार्गेट करने का न तो ‘सामना’ और ना ही किसी प्रेस कांफ़्रेंस का सहारा लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि ‘हमने देखा है कि किस तरह सामना में लिख लिख कर बीजेपी से गठबंधन टूट गया शिवसेना की दुर्गति हुई. अब उन्हें कांग्रेस के साथ ऐसा करने से बचना चाहिए.’