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वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग का पलटवार, सबूत दें या माफ़ी मांगे राहुल गांधी

ECI VS Rahul Gandhi : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि भारत के चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत हुई, जिसके कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में आए. राहुल गांधी का यह भी दावा था कि सिर्फ 25 सीटों के अंतर से मोदी सरकार बनी और चुनाव आयोग ने भाजपा की मदद की. इस बयान ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया.


चुनाव आयोग ने कहा, सबूत दें राहुल

राहुल गांधी के इन आरोपों पर चुनाव आयोग की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है. आयोग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता अपने आरोपों को सच मानते हैं, तो उन्हें शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर करके अपने दावों के समर्थन में सबूत देने चाहिए. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो माना जाएगा कि उनके आरोप निराधार हैं और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए. चुनाव आयोग ने साफ कहा कि अब या तो राहुल गांधी अपने आरोप साबित करें या फिर पीछे हटें.


पहले भी मांग चुके हैं सबूत

यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से शपथ-पत्र और प्रमाण मांगे हैं. कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र महादेवपुर में मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोप पर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उनसे सबूत देने को कहा था. इसी तरह महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदाता नाम जोड़ने और हटाने को लेकर जो आरोप राहुल गांधी ने लगाए, उनके लिए भी राज्य निर्वाचन आयोग ने दस्तावेज़ी प्रमाण की मांग की थी. अब तक इन मामलों में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया है.


लोकतंत्र बनाम आरोपों की सियासत

चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि, अगर अन्य लोकसभा क्षेत्रों में भी आंकड़ों की जांच की जाए, तो लोकतंत्र की असली तस्वीर सामने आएगी. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग पारदर्शिता से बच रहा है और भाजपा को लाभ पहुंचा रहा है. वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि इस तरह के आरोप लोकतांत्रिक संस्थाओं पर लोगों का भरोसा कमजोर करते हैं. अब देश की निगाहें इस बात पर हैं कि राहुल गांधी अपने दावों को कितना गंभीरता से साबित करते हैं या माफी मांगते हैं.


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