
Punjab Police : पंजाब पुलिस के स्टेट साइबर क्राइम विंग ने चार व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ देशभर में हजारों पीड़ितों से करोड़ों रुपये की ठगी में शामिल एक अंतर-राज्यीय म्यूल अकाउंट रैकेट का पर्दाफाश किया है. यह जानकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने गुरुवार को यहां दी. गौरतलब है कि म्यूल अकाउंट ऐसा बैंक खाता होता है, जिसे अपराधियों द्वारा खाता धारक की जानकारी के बिना या कई बार मिलीभगत से अवैध धन प्राप्त करने, ट्रांसफर करने या लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान गौतम (23), अहसास (24) और आकाश (20), तीनों अमृतसर निवासी, तथा अनमोल (21) निवासी फाजिल्का के रूप में हुई है. अनमोल पूरा समय म्यूल अकाउंट चलाने में शामिल था, गौतम बेरोज़गार है, अहसास अमृतसर में कांट्रैक्ट पर होटल चलाता है और आकाश पहले थोड़े समय तक एक कंपनी में काम कर चुका है तथा वर्तमान में म्यूल अकाउंट साइबर धोखाधड़ी रैकेट में शामिल था. पुलिस ने उनके कब्जे से 10.96 लाख रुपये नकद, नौ मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 32 डेबिट कार्ड, 10 सिम कार्ड, 15 बैंक पासबुक और एक चैक बुक बरामद की है.
गरीबों के खातों से क्रिप्टो के जरिए विदेश भेजा अवैध धन
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि यह रैकेट बैंकों के खाते, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के खाते, थोड़ी राशि देने का लालच देकर हासिल कर लेता था और फिर उनका इस्तेमाल विभिन्न साइबर अपराधों से प्राप्त धोखाधड़ी वाले धन को लेयरिंग और ट्रांसफर करने के लिए करता था. उन्होंने बताया कि आरोपी पिछले दो सालों से इस अपराध को सक्रियता से चला रहे थे और पंजाब के विभिन्न बैंकों के सैकड़ों म्यूल खातों का उपयोग कर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जैसे बायनेंस और डीसीएक्स के जरिए विदेशों में अवैध धन भेजते थे.
6,000 म्यूल अकाउंट डेटा जांच में 300 एफआईआर
ऑपरेशन संबंधी विवरण साझा करते हुए स्पेशल डीजीपी साइबर क्राइम वी. नीरजा ने कहा कि इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आइ4सी), गृहमंत्रालय द्वारा साझा किए गए साइबर धोखाधड़ी बैंक ट्रांसफर में इस्तेमाल हुए 6,000 म्यूल अकाउंट के डेटा के गहन विश्लेषण के बाद, डीएसपी अशोक कुमार द्वारा स्टेट साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई.
इंस्पेक्टर गगनप्रीत सिंह और टीम के नेतृत्व में जांच की गई और संदिग्धों की पहचान कर ली गई. उन्होंने आगे बताया कि ‘आइ4सी’ के हॉटस्पॉट विश्लेषण के आधार पर, पंजाब ग्रामीण बैंक के 300 म्यूल अकाउंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और जांच में अबोहर स्थित एक स्थान से 100 म्यूल अकाउंट का खुलासा हुआ.
टेलीग्राम से साइबर रैकेट, अनमोल सप्लायर
विशेष डीजीपी ने कहा कि जांच से यह भी सामने आया है कि आरोपी टेलीग्राम प्लेटफार्म पर कई साइबर धोखाधड़ी समूहों का हिस्सा थे, जिनके एडमिन दक्षिण-पूर्व एशिया से इन समूहों को चला रहे थे. साज़िशकर्ताओं ने इन स्थानीय सहयोगियों को भारतीय मुद्रा को क्रिप्टोकरेंसी में बदलने का प्रशिक्षण दिया था. अबोहर का अनमोल मुख्य सप्लायर था, जो अमृतसर में अपने साथियों को कोरियर के माध्यम से म्यूल किटें भेजता था, जो फिर इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं को सक्रिय कर लेन-देन करते थे. उनकों अपनी सेवाओं के एवज में 10-20 प्रतिशत कमीशन मिलता था. इस दौरान, सभी आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं और भारत तथा विदेशों में स्थित साज़िशकर्ताओं की पहचान करने तथा बैंक अधिकारियों की किसी भी संभावित संलिप्तता की जांच के लिए आगे की जांच जारी है.
बॉक्सः सलाह
लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक खाते या सिम कार्ड किसी को भी छोटी रकम या नौकरी की पेशकश के बहाने न दें, क्योंकि इनका इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी अपराधों के लिए किया जाता है. यदि किसी व्यक्ति को ऐसी पेशकश मिलती है तो उसे तुरंत जिला साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करनी चाहिए.
यदि कोई व्यक्ति साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है तो उसे तुरंत हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करके रिपोर्ट करनी चाहिए ताकि उसके पैसे साइबर अपराधियों के हाथों में जाने से बच सकें. समय रहते हैल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट करने से आपकी मेहनत की कमाई ठगे जाने से बच सकती है.
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