
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज बड़ी रेड की और कई चीनी-नियंत्रित एजेंसियों से संबंधित 9.82 करोड़ रुपये के खातों को सील कर दिया।
यह छापेमारी कई संस्थाओं द्वारा ‘एचपीजेड (HPZ)’ नामक ऐप-आधारित टोकन और इसी तरह के अन्य ऍप्लिकेशन्स के दुरुपयोग से संबंधित जांच के हिस्से के रूप में की गई थी।
ईडी ने एचपीजेड टोकन और अन्य के खिलाफ साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, कोहिमा, नागालैंड द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत 8 अक्टूबर, 2021 की पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की।
एचपीजेड टोकन, एक ऐप-आधारित टोकन, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के लिए खनन मशीनों में निवेश करके यूजर्स को बड़े लाभ का वादा किया था। धोखेबाजों का तरीका पीड़ितों को ‘एचपीजेड टोकन’ (HPZ Token) और इसी तरह के अन्य ऍप्लिकेशन्स के माध्यम से अपने निवेश को दोगुना/गुणा करने के बहाने अपनी कंपनियों में निवेश करने के लिए लुभाना था।
कॉमिन नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मोबिक्रेड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, मैजिक डेटा टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, बैतू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, अलीये नेटवर्क टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, वीकैश टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, लार्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, मैजिक बर्ड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और ऐसपर्ल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड सहित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
ईडी ने एचपीजेड टोकन और अन्य के खिलाफ साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, कोहिमा, नागालैंड द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत 8 अक्टूबर, 2021 की एक प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की।
ईडी की जांच से पता चला है कि विभिन्न चीनी-नियंत्रित संस्थाएं जैसे- कॉमिन नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य कंपनियों ने विभिन्न एनबीएफसी के साथ सेवा समझौतों में कई संदिग्ध लोन और अन्य ऐप (जैसे कैशहोम, कैशमार्ट, इज़ीलोन आदि) भी संचालित कर रहे थे और इन ऐप के संचालन के बहाने जनता से धन प्राप्त करने में लिप्त थे।
ईडी ने पहले बैंक/वर्चुअल एकाउंट्स पर रोक लगा दी थी, जिनमे 46.67 करोड़ कॅश बैलेंस था जो सितंबर 14 2022 को की गई रेड में मिली थी। हाल ही में छापेमारी के बाद मामले में जमा हुई राशि 56.49 करोड़ रुपये है। मामले में फिलहाल कार्रवाई जारी है।