
सोमवार को राहुल गांधी के लोकसभा से अयोग्यता के विरोध में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस (AIMC) ने ‘जनतंत्र बचाओ रैली’ आयोजित की। AIMC के सदस्यों ने अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के गठन की भी मांग कर रहे हैं।
इस मामले पर AIMC के अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा का आधिकारिक बयाम सामने आया है। दरअसल, उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री के खिलाफ विपक्ष के हमले का नेतृत्व किया। प्रतिक्रिया के रूप में, प्रधानमंत्री के प्रतिशोधी प्रशासन ने उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी और उन्हें अपना आधिकारिक आवास खाली करने का आदेश दिया।”
उन्होंने मीडिया को बताया कि 7 फरवरी को लोकसभा में अपने भाषण में, राहुल गांधी ने अडानी और केंद्र के बीच कथित अनैतिक सहयोग पर चिंता व्यक्त की थी। डिसूजा ने कहा कि उसके बाद की घटनाओं का क्रम दर्शाता है कि देश में लोकतंत्र पतन के कगार पर है और तत्काल कार्रवाई अनिवार्य है। एआईएमसी का कहना है कि राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला सिर्फ कांग्रेस के बारे में नहीं है, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के बारे में भी है।
एआईएमसी ने सरकार से अडानी मामले की जेपीसी जांच शुरू करके त्वरित कार्रवाई करने की अपील की, क्योंकि उसका मानना है कि यह देश में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसी तरह के एक अन्य घटनाक्रम में यूथ कांग्रेस ने सोमवार को देश भर में ‘जवाब दो’ पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया।