Bihar

बिहार के 12 जिलों में भारी केले की पैदावार, विदेशों में बढ़ रही मांग

बिहार में केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार के तरफ से भी कोशिशें की जा रही हैं। राज्य कृषि विभाग ने मीठापुर कृषि भवन में एक दिवसीय ‘केला प्रदर्शनी-सह-चर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन किया। 12 जिलों के 120 केला उत्पादकों और उद्यमियों ने प्रदर्शनी में केले और प्रॉसेस्ड उत्पादों का प्रदर्शन किया। साथ ही, केला क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों पर उद्यमियों और उत्पादकों से चर्चा हुई। राज्य में उत्पादित केले की विशिष्ट किस्मों और उनकी बाजार क्षमता से लोगों को परिचित कराना कार्यक्रम का उद्देश्य था।

19 लाख मीट्रिक टन केले का उत्पादन

बिहार में राज्य कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में केले की खेती और उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। उनका कहना था कि वर्तमान में लगभग 19 लाख मीट्रिक टन केला बनाया जा रहा है। पिछले दो दशक में केले की उत्पादकता 125% बढ़कर लगभग 45 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। ये किसानों की आवश्यकताओं को देखते हुए जी-9 और ड्वार्फ कैवेंडिश जैसे प्रसिद्ध केले की किस्मों के अलावा अन्य किस्मों पर भी शोध करने की जरूरत पर जोर दिया।

बिहार के केलों की विदेशों में बढ़ रही मांग

बिहार को संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, ओमान, बहरीन, कतर और नेपाल में केले का निर्यात होता है। कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि किसानों को सही समय पर केले का पौधा नहीं मिलता है। इससे उनकी खेती प्रभावित होती है। उनका भरोसा था कि अगले साल से किसानों को केले के टिश्यू कल्चर वाले पौधे मई-जून महीने में ही मिलेंगे।


अफसर खेतों में जाकर केले की जांच करेंगे

बिहार में अक्सर अल्पान, चीनिया और मालभोग केले का उत्पादन किया जाता है। संजय अग्रवाल ने पौधों को बचाने के लिए पदाधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बुधवार और गुरुवार को अधिकारी क्षेत्र में जाकर किसानों को फसलों में लगे कीट-रोग को कैसे नियंत्रित करने के लिए सुझाव देंगे। साथ ही अगले वर्ष 45 हजार हेक्टेयर से 60 हेक्टेयर केले की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है।

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