
CM Nayab Singh Saini : हरियाणा विधानसभा के मौजूदा सत्र के दौरान प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उठे सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सदन में विस्तार से अपना पक्ष रखा. उन्होंने विपक्ष द्वारा लाए गए प्रस्ताव और उनके आचरण की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के धैर्य की परीक्षा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन सरकार की नीयत और नीति साफ है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का ऐलान 18 अक्टूबर 2024 को अपनी पहली कैबिनेट बैठक के बाद ही कर दिया था. उन्होंने दो टूक कहा कि, अपराधी या तो सुधर जाएं या हम सुधार देंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून का शासन सर्वोपरि है और प्रदेश में किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कानून तोड़ने पर बख्शा नहीं जाएगा. सैनी ने कहा कि प्रदेश में अब कैदियों की नहीं, बल्कि कानून की हुकूमत चलती है.
भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेश में कम हुआ अपराध
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा में प्रमुख अपराधों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और यह बदलाव सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले लोगों को एफआईआर तक दर्ज कराने में मुश्किल आती थी, लेकिन आज हरियाणा की जनता को पुलिस पर भरोसा है.
उन्होंने 2014 की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि जब भाजपा सरकार सत्ता में आई, तब प्रदेश कन्या भ्रूण हत्या जैसे सामाजिक कलंक से जूझ रहा था. सरकार ने आते ही इस दिशा में सुधार की पहल की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को पानीपत से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत के बाद लिंगानुपात 871 से बढ़कर 910 तक पहुंचा.
कांग्रेस सरकार में बेलगाम अपराध, हम नहीं करते कानून से समझौता
मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने बताया कि 2004 में बलात्कार के 386 मामले दर्ज हुए थे, जो 2014 तक बढ़कर 1174 हो गए. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के 10 साल के शासन में इन मामलों में तीन गुना वृद्धि हुई, जबकि महिला थानों की संख्या में कोई ठोस बढ़ोतरी नहीं की गई और केवल एक ही महिला थाना खोला गया.
सैनी ने कहा कि उनकी सरकार ने कानून व्यवस्था के साथ कभी समझौता नहीं किया. उन्होंने 10 अप्रैल 2008 को रोहतक के एक पुलिस थाना में पांच पुलिसकर्मियों द्वारा एक महिला के साथ किए गए दुष्कर्म की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि उस महिला ने 40 दिन तक अपनी शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उसने 9 जून 2009 को पंचकूला डीजीपी ऑफिस के सामने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. इस मामले में आखिरकार 20 जुलाई 2013 को दोषी पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई गई.
हरियाणा में अपराध पर त्वरित कार्यवाई
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की तत्परता का उदाहरण देते हुए यमुनानगर की एक घटना का जिक्र किया, जहां 20 सितंबर 2024 को एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार और हत्या की गई. पुलिस ने 24 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार किया और 15 मई 2025 को अदालत ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई.
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों के चलते बलात्कार के मामलों में फांसी की सजा संभव हो सकी है. राज्य सरकार ने हाल के वर्षों में कई मामलों में आरोपियों को सात-आठ महीने के भीतर ही 20-20 साल के आजीवन कारावास की सजा दिलवाई है.
मुख्यमंत्री ने 2012 के ‘अपना घर’ प्रकरण की भी याद दिलाई, जिसमें रोहतक स्थित अनाथालय में बच्चियों पर पुलिसकर्मियों और प्रबंधन द्वारा अत्याचार किए गए थे. दिल्ली जाकर कुछ बच्चियों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत की, जिसके बाद 8 मई 2012 को टीम ने छापा मारकर 120 बच्चियों को बचाया. बाद में यह केस सीबीआई को सौंपा गया.
उन्होंने आंकड़ों के आधार पर बताया कि कांग्रेस सरकार के 10 वर्षों में प्रदेश में 1106 हत्याएं हुईं, जबकि भाजपा सरकार के 10 वर्षों में यह संख्या घटकर 965 रह गई. मुख्यमंत्री ने दोहराया कि हरियाणा के हर नागरिक और उसकी संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है और इसे निभाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.
अपराधियों का महिमामंडन करने से बचे मीडिया
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हरियाणा पुलिस ने उनके कार्यकाल में 110 मुठभेड़ों में 13 कुख्यात अपराधियों को ढेर किया है. इसके अलावा 13 जुलाई 2024 से अब तक 5 गैंगस्टरों को विदेशों से पकड़कर लाया गया है.
उन्होंने मीडिया से अपील की कि वे अपराधियों का किसी भी प्रकार से सोशल मीडिया या अन्य मंचों पर महिमामंडन करने से परहेज करें. साथ ही, विपक्ष को भी आम सहमति से प्रस्ताव लाकर मीडिया मंचों से अपराध महिमामंडन को रोकने की दिशा में पहल करने का सुझाव दिया.
मुख्यमंत्री ने अंत में जोर देकर कहा कि उनकी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर पूरी गंभीरता से काम कर रही है और प्रदेश में अपराधियों को न तो राजनीतिक संरक्षण मिलेगा और न ही कानून से बचने का कोई रास्ता छोड़ा जाएगा.
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