पुरस्कार लौटाने पर कहां रखा जाता है, उसका क्या होता है?

Returned Awards Kept in Home Ministry: देश में इन दिनों कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाने के बाद पहलवानों के संन्यास और अवार्ड वापसी का सिलसिला जारी है. सोशल मीडिया पर भी अवार्ड वापसी और सम्मान वापसी शब्द काफी चर्चाओं में हैं. ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने भारत सरकार द्वारा दिया गया नागरिक सम्मान पद्मश्री लौटा दिया. वो इसे प्रधानमंत्री आवास के पास रख कर चले गए. इसके साथ ही भारत की ओर से खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड हासिल कर चुकीं विनेश फोगाट ने भी अपने अवार्ड लौटाने की पेशकश की है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब कोई अपना पुरस्कार वापस लौटा देता है. उसे कहां रखते हैं? उसके साथ क्या किया जाता है. आइए जानते हैं.
आसानी से नहीं लौटा सकते अवार्ड
भारत में मिलने वाले किसी आम सम्मान की बात की जाए तो उसे आप कोई भी साधारण सा जवाब देकर उसे वापस किया जा सकता है. लेकिन जब बात भारत के नागरिक सम्मान की यानी पद्म पुरस्कारों और सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न की आती है तब यह कर पाना आसान नहीं होता. यानी अगर कोई व्यक्ति भारत सरकार द्वारा दिया गया पद्मश्री पुरस्कार या पद्म विभूषण या पद्म भूषण या फिर भारत रत्न जैसे पुरस्कार वापस करना चाहता है तो वह यूं ही जाकर अर्जी देकर उसे वापस नहीं कर सकता.
उसके लिए उस शख्स को एक ठोस वजह बतानी होती है जो कि वाजिब हो. इसमें ऐसा क्लॉज नहीं होता कि जब आपके मन में आया कि अब मुझे अवार्ड नहीं रखना और अब इसे वापस ले लीजिए. दरअसल जब भी ये अवार्ड दिए जाते हैं तब अनौपचारिक तौर पर एक अनुमति ली जाती है. क्या आप ये अवार्ड लेना चाहते हैं. उसके बाद ही किसी व्यक्ति का नाम अवार्ड के लिए आगे भेजा जाता है.
Returned Awards Kept in Home Ministry: गृह मंत्रालय में रखे जाते हैं
सामान्य अवार्ड में अगर कोई अपना अवार्ड वापस देना चाहता है तो वह कारण बता कर अपना अवार्ड वापस दे देता है. लेकिन पद्म पुरस्कारों में ऐसा नहीं है. ऐसे पुरस्कार लौटाने के लिए आपको कोई ठोस कारण देना बताना होता है उसके बाद ही भारत के राष्ट्रपति इस पर फैसला लेते हैं. राष्ट्रपति जब निर्देश देते हैं कि विजेता का नाम वापस लिया जाए. तभी जाकर ऐसा होता है लेकिन जब कोई अपना पुरस्कार वापस करता है.
तब भी उसका नाम भारत के गजट से नहीं हटाया जा सकता. क्योंकि पद्म पुरस्कार विजेताओं के नाम भारत के गजट में प्रकाशित होते हैं. उनके लिए अलग से एक रजिस्टर बनाया जाता है. अवार्ड वापस करने के बाद भी उन दोनों ही जगह से यह नाम नहीं हटाया जाता. इन अवार्ड की जिम्मेदारी और इनकी देखरेख भारत के गृह मंत्रालय के अंदर होती है. ऐसे में अगर कोई अपना अवार्ड वापस करता है तो वह अवार्ड गृह मंत्रालय में रखे जाते हैं.