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Diwali Celebration 2024 : दीपोत्सव का पांच दिवसीय त्योहार, हर दिन का है खास महत्व

Diwali Celebration 2024 : दीपावली, जिसे दीपोत्सव भी कहा जाता है, पांच दिन का पर्व है। हिंदू धर्म में इसके हर दिन का विशेष महत्व है। हर दिन की अपनी एक पौराणिक कथा और परंपरा है। इस पर्व की शुरुआत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से होती है और भाई दूज तक मनाई जाती है।

धनतेरस का दिन

पांच दिवसीय उत्सव का पहला दिन धनतेरस होता है। यह कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था, जो चिकित्सा और आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं। वे समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस दिन धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में लोग बर्तन, आभूषण आदि खरीदते हैं और भगवान धन्वंतरि, लक्ष्मी, और कुबेर की पूजा करते हैं।

नरक चतुर्दशी का दिन

दूसरे दिन को नरक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध कर 16 हजार महिलाओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था। इस दिन रूप चौदस की परंपरा भी होती है, जिसमें लोग सुंदरता और स्वास्थ्य की कामना करते हुए विशेष स्नान और पूजा करते हैं। साथ ही जीवन से नरक के रास्ते और दोष को हटाने के लिए यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है।

दीपावली का दिन

तीसरा दिन दीपावली का मुख्य पर्व होता है, जो कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। घरों को दीयों और रंगोली से सजाया जाता है। भगवान को लाई, खील-खिलौने और मिठाइयों का भोग लगता है, इसका वितरण किया जाता है। दीपावली की रात को घरों में रौशनी कर, भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ सुख-समृद्धि की कामना की जाती हैं।

गोवर्धन पूजा का दिन

दिपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, जिसे अन्नकूट भी कहते हैं। यह पर्व भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाकर गांव वालों की रक्षा करने की याद में मनाया जाता है। इस दिन गाय, बैल और अन्य पशुओं की पूजा होती है, और गोवर्धन पर्वत की प्रतीकात्मक पूजा की जाती है।

भाई दूज का दिन

पांचवें और अंतिम दिन भाई दूज का पर्व होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के मस्तक पर तिलक कर उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं। यह त्योहार भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक पर्व है। इस दिन यमराज और उनकी बहन यमुनाजी की कथा का स्मरण भी किया जाता है।

डिस्क्लेमर : यह जानकारी लोक मान्यताओं के अनुसार हैं

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