
Delhi : मुख्तार अंसारी की जेल में मौत को लेकर लगाए गए गंभीर आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने अंसारी परिवार को बड़ा झटका दिया है। बुधवार (30 अप्रैल, 2025) को हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की वह रिट याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने पिता की मौत की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने और एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की थी।
जेल में हृदय गति रुकने से हुई थी मुख्तार अंसारी की मौत
बता दें कि मुख्तार अंसारी की 28 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी। हालांकि, अंसारी परिवार का आरोप है कि उन्हें जेल में जहर दिया गया, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई। इस मामले को लेकर उमर अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मुख्तार अंसारी मामले में सुप्रीम कोर्ट नहीं करेगी हस्तक्षेप
सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का नहीं है और इस स्तर पर रिट याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत निचली अदालतों या राज्य प्रशासन के समक्ष जाना चाहिए।
मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में मिली थी 10 साल की सजा
आपको यह भी बता दें कि गाजीपुर की एमपी एमएलए गैंगस्टर कोर्ट ने मऊ के पूर्व विधायक और बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में 10 साल की सजा सुनाई थी और 5 लाख का जुर्माना लगाया था। मुख्तार अंसारी के अलावा उसके साथ भीम सिंह को भी इस मामले मे कोर्ट मे दस साल की सजा सुनाई थी।
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