
बिहार के किशनगंज से रौशनी प्रवीण संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। बताया जा रहा है कि चुनौतियों से लड़ना जितना ही हमारी पहचान है इस कथन को सत्य करके दिखाया है किशनगंज की मुस्लिम परिवार में जन्मी रौशनी प्रवीण के लिए घर से बाहर निकल कर सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करना एक बड़ी चुनौती थी लेकिन उन्होंने हार नही मानी और आज वो संयुक्त राष्ट्र द्वारा जेनेवा, स्विटजरलैंड में होने वाले विश्व युवा सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली है।
भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र प्रतिभागी रोशनी
गौरतलब है की बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही रोशनी परवीन अब विश्व पटल पर अपनी बातों को रखेगी। यह एक गौरव की बात न सिर्फ किशनगंज के लिए है, बल्कि देश के लिए है। बाल सुरक्षा जैसे मुद्दे पर रोशनी परवीन अपने क्षेत्र के अनुभव को जिनेवा में सांझा करेगी। बता दे की इस युवा सम्मेलन में मात्र 6 युवाओं का चयन पूरे विश्व भर में हुआ है। रोशनी भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र प्रतिभागी होगी। यह समारोह 16 नवंबर 2023 को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय जिनेवा में आयोजित की जाएगी।
बाल विवाह को रोकने के लिए बढ़ाया कदम
एक गरीब परिवार से निकलनी रोशनी ने कहा की संयुक्त राष्ट्र में जाना यह सोचना ही हम जैसी लड़कियों के लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा की बाल विवाह का दंश झेल रही लड़कियों को यह उपलब्धि समर्पित करना चाहती है। वही उन्होंने कहा की बाल विवाह की पीड़ा को उन्होंने खुद झेला है और मैं नहीं चाहती की कोई दूसरा भी इस दर्द को झेले और इसी विषय पर उनका उद्बोधन होगा।
रौशनी ने कहा की मेरा एक ही उद्देश्य है की ग्रामीण क्षेत्रों की बच्चियों को आगे लाया जाए और वो पढ़ाई पूरी कर पाए। बता दे की रौशनी यूनिसेफ सहित कई संगठनों के साथ काम कर चुकी है और अब वो बाल विवाह जैसी कुरीति को रोकने के लिए स्वतंत्र रूप से कार्य कर रही है। उनकी इस सफलता के बाद परिजनों सहित उनके साथ काम करने वाली महिलाओं और जिले वासियों में हर्ष का माहौल है।