Advertisement

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि का पहला दिन आज, मां शैलपुत्री की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान

Chaitra Navratri 2022
Share
Advertisement

Chaitra Navratri 2022: आज से चैत्र नवरात्र 2022 (Chaitra Navratri 2022) की शुभ शुरुआत हो रही है। कहते है इन दिनों मां को प्रसन्न करने के लिए आप जितनी हो सके कोशिश करें अगर देवी मां आपकी पूजा-पाठ से प्रसन्न हो गई तो आपके घर में हमेशा खुशियों की बहार आएगी। आज नवरात्रि का पहला दिन है, और इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पूजा करते समय कई बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है। इस दौरान पहले दिन मां के लिए घट स्थापना यानी कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना करते वक्त और पूजा करते समय कुछ खास बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।

Advertisement

नवरात्रि का पहला दिन आज

नवरात्रों (Chaitra Navratri 2022) में पूजा करते समय सबसे पहले घटस्थापना यानि कलश स्थापना के साथ शुरुआत होती है। कुछ लोग इसी दिन से अखंड ज्योति जलाने की भी शुरुआत करते है। माना जाता है कि अखंड ज्योति जलाने से आपके घर में देवी मां की कृपा बनी रहती है। देवी मां की पूजा करते समय आपको कई बातों का ध्यान रखा पड़ता है।

मां शैलपुत्री का मंत्र क्या है?

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।

ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।

प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुंग कुचाम् ।

कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम् ॥

या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।

मां शैलपुत्री की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान

शुभ महुर्त के लिए आप पंडित जी से शुभ मुहुर्त की जानकारी लें।

घट स्थापना के लिए केवल साफ स्थान से ही मिट्टी लानी चाहिए।

मिट्टी में साफ और पूरे जौ बोना चाहिए और पानी की बूंदें छिड़कना चाहिए।

कलश मिट्टी का होना चाहिए इसमें जौ अच्छी तरह से उपजते हैं।

कलश पर हमेशा लाल चुनरी ढकिए।

ध्यान रहे नारियल का मुख पूजा कर रहे व्यक्ति की तरफ रहे।

मां के सोलह श्रंगार का सामान पूरी तरह चैक करके ही पूजा में रखिए।

अगर व्रत रखा हैं तो रोज मां को भोग लगाकर ही प्रसाद ग्रहण करें।

मां शैलपुत्री

मां शैलपुत्री की आरती (Chaitra Navratri 2022 Maa Shailputri Aarti)

शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।

पार्वती तू उमा कहलावे। ‌ जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।

सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी। ‌

उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।

घी का सुंदर दीप जला‌ के। गोला गरी का भोग लगा के।

श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।

मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।

नोट-  इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. हिन्दी ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है. ज्यादा जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *