अमित शाह ने आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों बिल लिए वापस, लोकसभा में पेश किए नए मसौदा विधेयक

New Delhi : गृह मंत्री अमित शाह ने आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए 3 विधेयकों को वापस ले लिया है। शाह ने लोकसभा में एक संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए मसौदा विधेयकों का एक नया सेट पेश किया। अमित शाह ने कहा कि गृह मामलों की संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल करने के लिए कई आधिकारिक संशोधन लाने की बजाय सरकार ने बदलावों को शामिल करते हुए नए विधेयक लाने का निर्णय किया है।
विपक्षी सदस्यों ने मांगा वक्त
अमित शाह ने विपक्षी सदस्यों को बताया कि इन विधेयकों पर चर्चा गुरुवार को होगी और मतदान शुक्रवार को होगा। विपक्षी सदस्यों ने तीनों विधेयकों का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त वक्त की मांग की। इस पर गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने इसीलिए मंगलवार को विधेयक पेश किए हैं। ताकि सदस्यों को मसौदा कानूनों का अध्ययन करने के लिए 48 घंटे का समय मिल सके।
5 खंडों में बदलाव किया गया है
शाह ने कहा कि मुख्य रूप से 5 खंडों में बदलाव किया गया है, और अधिकांश बदलाव व्याकरण और भाषा से जुड़ा हैं। भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय सक्षम अधिनियम विधेयक दंड प्रक्रिया संहिता अधिनियम, 1898, भारतीय दंड संहिता, 1860 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को प्रतिस्थापित करने का प्रयास करते हैं।
12 घंटे का समय दिया गया है
अमित शाह ने तीनों विधेयकों को संयुक्त समिति के पास भेजने के सुझावों को भी खारिज किया और कहा कि स्थायी समिति ने कई सिफारिशें की हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि तीनों विधेयकों पर चर्चा के लिए कुल 12 घंटे का समय दिया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गृह मामलों की संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल करने के लिए कई आधिकारिक संशोधन लाने के बजाय सरकार ने बदलावों को शामिल करते हुए नए विधेयक लाने का फैसला किया।
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