Bihar: अगर बैंक में नहीं मिल रहा ऋण तो यहां जाएं, पंजीकृत कराये और 2 लाख तक ऋण पायें

पिछले 13 साल से गया जिले में एक इस्लामिक संस्था अल-खैर कॉपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी सफलतापूर्वक काम कर रही है। हिंदू और मुस्लिम समुदायों के सभी सदस्यों ने कर्ज लेकर अपने व्यापार को बढ़ाया है। यह सोसाइटी गया शहर के नगमतिया मुहल्ला मिल्लत अस्पताल के पास है और ऋण पर ब्याज की जगह नाममात्र का सेवा शुल्क लिया जाता है। इस संस्था ने छोटे स्तर के उद्यमियों को धन देने वाले माइक्रोफाइनेंस प्रणाली का अनुसरण किया है। यहां लगभग 3,000 से अधिक लोगों ने कर्ज लिया है, और 1,200 से अधिक हिंदू उद्यमिश्री रोजगार को बढ़ावा देने में लगे हैं।
सोसाइटी के सदस्य को मिलेगा विशेष
बिना किसी ब्याज के, यह माइक्रो फाइनेंस क्रेडिट सोसाइटी 5,000 से 2 लाख रुपए तक का ऋण देती है। इसके बजाय, ग्राहक एक निश्चित सेवा शुल्क देते हैं। यदि आप इस सोसाइटी के सदस्य हैं तो आपको कुछ विशेष लाभ मिलेंगे। ऋण केवल पंजीकृत सदस्यों को दिया जाता है, और सदस्य बनने के लिए 100 रुपए देना होता है। इस क्रेडिट सोसाइटी का मुख्य उद्देश्य गरीब लोगों को सहायता देना है, खासकर छोटे व्यवसाय कर रहे लोगों को।
संस्था को चाहिए बस सेवा शुल्क
अल-खैर क्रेडिट सोसाइटी के मैनेजर अकबर आजम खान ने बताया कि संस्था रजिस्टर्ड ग्राहकों को ऋण देती है और विशिष्ट लाभार्थियों को ऋण देती है, खासकर उन लोगों को जिनकी बैंक से ऋण लेने की संभावना नहीं है। यहां, सोसाइटी केवल सेवा शुल्क लेती है, जिससे उसकी शाखा चलती है, न कि ब्याज। सोसाइटी से ऋण लिया जाता है। समय पर भुगतान नहीं करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। एकरारनामा के दौरान सर्विस चार्ज के रुप में निर्धारित राशि वहीं प्राप्त की जाती है।
अकबर आजम ने कहा कि यहां लाभ सिर्फ रजिस्टर्ड ग्राहकों को मिलता है जिनके रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म भरना होता है। ID कार्ड और फोटो लिया जाता है। मेंबर बनने के लिए रिफंडेबल 100 रुपए लिए जाते हैं। यदि कोई सदस्य अपना खाता बीच में बंद करना चाहता है, तो रिफंडेबल मनी उन्हें वापस मिलती है। उनका कहना था कि यह कॉपरेटिव सोसाइटी दोनों भारत सरकार और बिहार सरकार से रजिस्टर्ड है। बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी इसका काम चल रहा है।