छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की किल्लत, केंद्र ने भेजी 2.49 लाख डोज की खेप, जिलों को मिल सकेंगे 8,892 डोज

Share

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीन की किल्लत की खबरें आ रही हैं। इसी बीच बुधवार को केंद्र सरकार ने कोवीशील्ड की नई खेप भेजी है। वैक्सीन की 2 लाख 49 डोज की यह खेप आज दोपहर को विमान से रायपुर पहुंची है। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर और वैक्सीन कमी लिहाज से यह खेप न के बराबर है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में 28 जिले हैं। अगर इस खेप से सभी को बराबर बांटा जाएं तो एक जिले में वैक्सीन की केवल 8 हजार 892 डोज ही पहुंचेगी। इससे टीकाकरण अभियान कितने दिन चल पाएगा? जिला प्रशासन के लिए ये बड़ी चिंता की बात है।

राज्य के अधिकांश जिलों में वैक्सीन की कमी के कारण टीकाकरण अभियान बंद है। रायपुर में शनिवार को पहले तय हुआ कि उन्हीं लोगों को टीका लगेगा जो दूसरी डोज लगवाने आए हैं। सोमवार शाम को रायपुर जिला प्रशासन ने टीका आने तक टीकाकरण अभियान बंद रखने का आदेश जारी किए थे। रायपुर के अलावा बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव में भी ऐसी ही स्थिति है। जानकारी के अनुसार, मंगलवार को प्रदेश भर में केवल 42 हजार 448 लोगों को टीका लगाया जा सका। इसमें से निजी अस्पतालों में लगे सशुल्क टीके भी शामिल है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, जुलाई आने से पहले ही प्रदेश में वैक्सीन की कमी हो गई थी। केंद्र सरकार ने 24 लाख डोज छत्तीसगढ़ के लिए आवंटित किए हैं। उसका करीब 25 प्रतिशत हिस्सा निजी अस्पतालों को मिलना है। यानी नि:शुल्क टीकाकरण के लिए करीब 18 लाख डोज ही मिलनी है। जून के आखिर में सरकार के पास वैक्सीन नहीं बची थी। 2 जुलाई को केंद्र सरकार ने वैक्सीन की 2 लाख 49 हजार डोज भेजी। वह मुश्किल से 2 दिन चल पाई। उतनी ही डोज की खेप आज पहुंची है।

महीने की शुरुआत में टीकाकरण सामान्य रहा। 2 जुलाई को टीके की नई खेप मिलने के बाद अभियान ने रफ्तार पकड़ी। 3 जुलाई को इस सप्ताह का सबसे अधिक यानी 1 लाख 43 हजार 626 लोगों को टीका लगा। उसके अगले दिन संख्या घटकर 80 हजार 232 रह गई। 5 जुलाई को 97 हजार 89 लोगों को टीका लगा, लेकिन 6 जुलाई को यह संख्या घटकर महज 42 हजार 448 रह गई।

वैक्सीन की कमी और कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट की चिंताओं के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश की जरूरतों को देखते हुए जुलाई महीने में एक करोड़ वैक्सीन डोज की मांग की थी। दरअसल, टीकों के कम उत्पादन के कारण केंद्र सरकार पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन के डोज राज्य को नहीं दे पर रही है।