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ED ने 19-20 घंटे तक मेरे घर पर छापेमारी की, कुछ नहीं मिला : AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज

Delhi : आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को हुई भाजपा की ईडी की फर्जी रेड का बुधवार को पूरे सबूतों के साथ भंडाफोड़ कर दिया। उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से करीब 19-20 घंटे चली रेड का ब्यौरा देश की जनता के सामने रखा और बताया कि कैसे ईडी के अफसरों ने उन्हें फंसाने के लिए अपनी मर्जी के लिखे बयान पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया।

सौरभ भारद्वाज कहा कि पहले तो ईडी के अफसर ने मेरे बयान को किसी से साझा किया और किसी से बात की। इसके बाद बयान में से कुछ हिस्सों को हटाने का दबाव बनाया, लेकिन मैने मना कर दिया। इसके बाद ईडी वाले एक बयान लिखकर लाए और कहा कि ये मेरा ही बयान है, सिर्फ कुछ बातें हटा दी है, लेकिन मैंने उस पर हस्ताक्षर से इन्कार कर दिया। मेरे घर पर ईडी को कुछ नहीं मिला। इस रेड का रिजल्ट जीरो रहा। उन्होंने मांग की कि ईडी के असिस्टेंट डॉयरेक्टर मयंक अरोड़ा के लैपटॉप और मेरे प्रिंटर की फॉरेंसिक जांच की जाए, उसमे मेरे असली बयान मौजूद हैं। मैंने किसी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। पहले वाले पंचनामा पर साइन किए थे, लेकिन उसे ईडी के अधिकारियों ने फाड़ दिया।

‘‘आप’’ मुख्यालय पर एक प्रिंटर के साथ प्रेसवार्ता करने पहुंचे सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले कई सालों से ईडी देश में आंतक फैला रही है। इनके अफसर केंद्र सरकार के साथ मिलकर अलग-अलग राजनेताओं को फंसाने की साजिश करते हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को सुबह 7ः15 बजे मेरी बेटी स्कूल के लिए निकली, उस दौरान ईडी के कुछ अफसर मेरे घर पहुंचे। इसमें ईडी के डिप्टी डायरेक्टर रविश भारद्वाज, असिस्टेंट डायरेक्टर मयंक अरोड़ा, एनफोर्समेंट ऑफिसर विकास कुमार व वरुण कुशवाहा, असिस्टेंट एनफोर्समेंट ऑफिसर मनीष, सिपाही रजनी व हरिशंकर और छह सीआरपीएफ कर्मी शामिल थे। इन्होंने मेरे घर की तलाशी लेने की बात कही तो मैंने अनुमति दे दी।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मेरी छोटी बेटी नर्सरी में पढ़ती है। वह स्कूल जाने को तैयार थी। इसलिए मैने उसे स्कूल भेज दिया। इसके बाद ईडी ने मेरे घर की तलाशी शुरू की। जिसमें पूरा घर, अलमारी और कपड़े खंगाले गए। उन्होंने बताया कि असिस्टेंट डायरेक्टर मयंक अरोड़ा और एनफोर्समेंट ऑफिसर विकास कुमार मेरे साथ बैठ गए और कहा कि उन्हें मेरा बयान रिकॉर्ड करना है। मयंक अरोड़ा अपने लैपटॉप के साथ मेरा बयान रिकॉर्ड करने लगे। इनके पास 43 सवाल थे और मैंने पूरी तसल्ली के साथ उनके हर सवाल का जवाब दिया। शाम करीब 7ः15 बजे बयान दर्ज किया गया।

उन्होंने कहा कि इस बीच शाम करीब 6 बजे ईडी के एक अधिकारी ग्राउंड फ्लोर पर पुराने कागजों में कुछ खोज रहा था। उसे वहां दिल्ली हाई कोर्ट में दायर स्वास्थ्य विभाग का हलफनामा (पब्लिक डॉक्यूमेंट) मिला। उसने कहा कि कुछ मिला है। इसके बाद ईडी वालों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी।

सौरभ भारद्वाज कहा कि यह एक पब्लिक डॉक्यूमेंट है। इस डॉक्यूमेंट को मैं काफी दिनों से खोज रहा था, लेकिन मिल नहीं रहा था। मैंने ईडी से कहा कि मेरे बयान में ये सबूत भी जोड़ लो। इस डॉक्यूमेंट में मेरी मीटिंग के सारे मिनट्स लिखे हुए हैं। ईडी ने एफआईआर के अंदर मेरे उपर जो भी आरोप लगाए हैं, उसके विपरित मेरे लिखित निर्देश मिनट्स ऑफ मीटिंग में मौजूद हैं। अब मैं मंत्री नहीं हूं। इसलिए मेरे पास सारे डॉक्यूमेंट नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि मैं परेशान था कि मैंने तो ये सारे सही निर्णय ले रखे हैं, लेकिन इसके विपरित ईडी मुझे फंसाने की कोशिश कर रही है। ईडी ने पूछा कि इंफ्रस्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में जो देरी हुई, उसमें मंत्री रहते आपकी क्या जिम्मेदारी थी और क्या आपने अपनी जिम्मेदारी निभाई या नहीं निभाई? मैंने उसी डॉक्युमेंट की मीटिंग ऑफ मिनट्स से ईडी के सवालों का जवाब लिखवा दिया।

सौरभ भारद्वाज ने ईडी से कहा कि 9 मार्च 2023 को मैं मंत्री बना। अस्पताल निर्माण में देरी होने को लेकर मैंने पहली मीटिंग 22 मार्च को की। इसके बाद कई मीटिंग की और सभी में अफसरों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हुए हैं। विकास अरोड़ा ने अपने लैपटॉप में मेरा यह बयान भी टाइप कर लिया। इसके साथ मैंने ये भी बयान लिखवाया था कि यह पूरा मामला झूठा है और दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने आपराधिक साजिश करके मुझे फंसाने की कोशिश की है। इसके ऑडियो, वीडियो रिकॉर्डिंग और अन्य डॉक्यूमेंट्री एविडेंस भी मेरे पास है।

उन्होंने कहा कि इस डॉक्युमेंट्री सबूत में सब कुछ है कि क्या-क्या हुआ, कैसे अफसरों को निर्देश दिए गए और कैसे निर्देश पर अफसरों ने मुझे फंसाने की कोशिश की। एलजी के अपने दफ्तर में आयोजित मीटिंग में मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव मौजूद थे। साथ ही सर्विसेज सेक्रेटरी भी थीं, जो एसीबी प्रमुख की पत्नी हैं। उस मीटिंग में क्या-क्या हुआ, उसका भी सबूत मेरे पास है। ईडी अफसरों ने ये सबूत मुझे सौंपने को कहा, तो मैंने कोर्ट में उपयुक्त समय पर सौंपने की बात कही। इस तरह शाम के करीब 7ः45 बज गए।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पंचनामा भी बन गया कि मेरे घर पर ईडी को क्या-क्या मिला? सीजर में दो डॉक्यूमेंट्स की बरामदी दिखाई गई। पहला, विधायक का चुनाव लड़ने दौरान चुनाव आयोग को दिया गया हलफनामा था। हलफनामा भी मैने खुद लाकर दिया। क्योंकि एक अफसर ने मुझसे मेरा पैन नंबर पूछा तो मैंने हलफनामें में देखकर सारी डिटेल बताई। ईडी ने इसी को सीज करके दिखा दिया कि यह इनक्रिमेनेटिव डॉक्युमेंट है। ईडी ने पंचनामे भी इसके बारे में लिखा है। जबकि 20 पन्नों का यह सार्वजनिक दस्तावेज है, जो वेबसाइट पर उपलब्ध है।

दूसरा, स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी का दिल्ली हाईकोर्ट में दिया गया 89 पन्नों का हलफनामा मिला। इसे भी पंचनामे में डाला गया और पंचों के हस्ताक्षर लिए गए, जो कि पब्लिक डॉक्यूमेंट है। ये पंच सिर्फ कागजों में स्वतंत्र गवाह होते हैं। लेकिन ये इन्हीं के आदमी होते हैं। ये गवाह वही करते हैं, जो ईडी के अफसर कहते हैं। मैं यह भी सबूतों से साबित कर दूंगा कि यह जो पूरे देश में पंचों का नाटक हो रहा है, यह सिर्फ एक नौटंकी है। पंचनामे पर मेरे, ईडी के अफसरों और पंचों के हस्ताक्षर के बाद अब मेरे बयान पर हस्ताक्षर होना रह गया था।

यह बयान शपथ के साथ

सौरभ भारद्वाज ने खुलासा किया कि जब मेरे बयान पर साइन करने की बारी आई, तो असिस्टमेंट डॉयरेक्टर मयंक अरोड़ा ने मेरे सामने ही मेरे बयान को अपने लैपटॉप से गूगल ड्राइव और वॉट्सएप पर किसी वकील या भाजपा या एलजी ऑफिस या अन्य किसी अधिकारी के साथ शेयर किया, जो मेरे वाई-फाई से किया गया। यह सब फॉरेंसिक जांच में सामने आ सकता है। मयंक अरोड़ा ने मेरे 43-44 सवालों के जवाब को किसी से साझा किया।

उन्होंने कहा कि इसके बाद कुछ देर तक इंतजार किया। कुछ देर बाद मयंक अरोड़ा के पास वापस निर्देश आया। मयंक अरोड़ा डॉक्युमेंट के उपर मार्क करके मेरे पास आए और कहा कि आपको अपने बयान के कुछ हिस्सों को हटाना पड़ेगा। पीएमएलए सेक्शन 17 के अनुसार, जो व्यक्ति बयान दे रहा है, वह बयान उसके खिलाफ भी कोर्ट में इस्तेमाल हो सकता है। यह पूरी दुनिया में कहीं कानून नहीं है, लेकिन भारत के इस इकलौते कानून में यह है। यह बयान शपथ के साथ है। अगर मैं अपने बयान में झूठ बोलूंगा तो मुझे ही जेल भेज दिया जाएगा।

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि मैंने मयंक अरोड़ा से कहा कि मैं शपथ पत्र के साथ अपना बयान दे रहा हूं। आप मेरे बयान को नहीं बदल सकते हैं। मयंक अरोड़ा ने कहा कि आप जो कहेंगे वही मैं नहीं लिखूंगा। जो मुझे ठीक लगेगा, वो लिखूंगा। इसका मतलब है कि मेरा बयान भी किसी तिसरे व्यक्ति को भेज करके ईडी का असिस्टेंट डॉयरेक्टर तय करेगा कि मैं शपथ के साथ क्या कह सकता हूं। मैंने कहा कि ऐसे नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि बयान मेरा है तो मयंक अरोड़ा ने कहा कि मुझे भी अपने सीनियर को जवाब देना है। मैंने उनसे कहा कि आप इस पर लिख दीजिए कि आपने मुझे तीन बार चेतावनी दी कि अपने जवाब में से ये हिस्सा हटा लो और मैं आपकी चेतावनी नहीं मानी और मैं इस चीज पर अड़ा रहा कि ये हिस्सा जाएगा और मैं उस पर हस्ताक्षर कर दूंगा। इससे आप भी बच जाएंगे।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि रात 8 बजे से 2 बजे तक यही होता रहा है।8 बजे बाहर खबर आ गई थी कि सब हो गया है, अब ईडी बाहर आने वाली है, लेकिन आते-आते बारात रूक गई, वह इसलिए रूक गई क्योंकि रात 8 बजे से दो बजे तक इन्होने किस-किस को कॉल किया है, इसकी जांच होनी चाहिए। मयंक अरोड़ा ने रात 8 बजे से दो बजे तक किससे बात कर रहे थे। क्यों इतनी बातचीत की जा रही थी?

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि क्योंकि मेरे बयान को मैनुपुलेट करने के लिए मेरे और मेरे परिवार के उपर लगातार दबाव बनाया गया। यह संदेश दिया गया कि ईडी रात भर रूकेगी और मुझे गिरफ्तार करके ले जाएगी। ईडी के लोग इतने तेज और इतने मझे हुए खिलाड़ी हैं कि ये साइकोलॉजिकली मैनिपुलेट करते हैं। ईडी वाले जेल भेजने के नाम से डराते-धमकाते हैं और अपनी मर्जी के बयान लिखवाने की कोशिश करते हैं। इसके बाद मैं अपने कमरे सोने चला गया।

उन्होंने कहा कि इसके 10 मिनट बाद ईडी वाले दोबारा मेरे पास आए और कहे कि मैंने आपका एक बयान बनाया है। यह बयान आपका ही है, लेकिन इसमें अनावश्यक बातें हटा दी है। अब आप इस पर हस्ताक्षर कर दीजिए। उन्होंने अपने डिप्टी डायरेक्टर से दो बार बात कराई। उन्होंने ने भी मुझे समझाने की कोशिश की कि यह आपके लिए अच्छा है कि जो हम कह रहे हैं, उस पर हस्ताक्षर कर दीजिए। हम भी आपका अच्छा ही चाहते हैं। मैंने उनसे कहा कि मेरा अच्छा चाहना आपका काम नहीं है, मेरा अच्छा मेरा वकील चाहता है। आप मुझे जेल ले जाना चाहते हैं, जो मुझे मालूम है और मुझे आपकी राय नहीं माननी है। कोर्ट में ईडी मेरे खिलाफ खड़ी होगी।

सौरभ भारद्वाज ने ईडी से पूछा कि जो मेरे 13 ठिकानों पर छापे पड़े हैं, वह ठिकाने मुझे बताए कि वो कहां हैं। मैं उनका कब्जा तो लूं। ईडी उन 13 ठिकानों की पॉवर ऑफ एटॉर्नी बनाकर दे कि उसके हिसाब से ये मेरे हैं। मेरे बच्चे पूछ रहे हैं कि ये 13 ठिकाने कहां हैं? ईडी वालों को शर्म भी नहीं है। इनको तो डूब मरना चाहिए। इन्होंने आज देश का क्या हाल कर दिया है? मैं 11 साल विधायक रहा। इस दौरान कम से कम 300 जुनियर इंजीनियर, एई, एक्सियन से मैंने काम करवाया। कई एसएचओ से पाला पड़ा। हजार से अधिक ठेकेदारों से काम करावाया। कोई एक व्यक्ति आकर कह दे कि मैंने उससे पैसा लिया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर कोई क्यों ईमानदार रहेगा। ये लोग हर आदमी को चोर साबित करने में लगे हुए हैं। ये लोग अपने देश की नींव को खराब कर रहे हैं।

उन्होंने अपनी बेटी का उदाहरण देकर बताया कि भाजपा कैसे इस देश को बर्बाद कर रही है। मेरी बेटी की शनिवार को पैरेंट्स टीचर मीटिंग थी। उसकी टीचर ने मुझसे कहा कि आपकी बेटी पढ़ने में बहुत अच्छी है लेकिन इसके अंदर एक अलग बदलाव देख रही हूं। ये क्लास में खड़े होकर लेक्चर देती है कि सबकुछ पैसा है। पैसा है तो सबकुछ है, वरना कुछ भी नहीं है। नाम, प्रसिद्धि कुछ नहीं होता है, सिर्फ पैसा होता है। मेरी बेटी ऐसा इसलिए कह रही है क्योंकि आज भाजपा ने इस देश के अंदर ऐसा माहौल बना दिया है कि ईमानदार आदमी गलियों की ठोकरें खा रहा है। मैं 14 साल पुरानी wagon R में घूमता हूं, मेरे बैंक अकाउंट में आज 22-23 हजार रुपए होंगे। अभी मेरी विधायक की पेंशन तक शुरू नहीं हुई है। मैंने ईडी अफसरों से कहा कि आप इस देश के लोगों में जो गैरत है, उसे खत्म करते जा रहे हैं।

‘मैं अपने बयान पर हस्ताक्षर करने पर अड़ा रहा’

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मयंक अरोड़ा के लैपटॉप में मेरा पूरा बयान मौजूद है। मयंक अरोड़ा का लैपटाप सीज किया जाना चाहिए। मेरे बयान को कैसे बदला गया, उसका भी रिकॉर्ड उस लैपटॉप में मौजूद है। लैपटॉप की फॉरेंसिक जाँच करके सबूत मीडिया के सामने पेश किया जाए। मेरे बयान को बदल कर मुझ पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया, लेकिन मैंने कहीं किया। मैं अपने बयान पर हस्ताक्षर करने पर अड़ा रहा। जांच एजेंसी काम किसी को जेल में डालना नहीं है, बल्कि सच का पता लगाना और कोर्ट के सामने सही सबूत रखना है। इसके बाद कोर्ट फैसला लेगा। लेकिन ईडी मेरा बयान कोर्ट तक पहुंचने नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि मेरे प्रिंटर से वाईफाई कनेक्ट करके प्रिंट लिया गया। प्रिंटर की मेमोरी के अंदर आज भी मेरा बयान मौजूद है। ईडी मेरे प्रिंटर की फॉरेंसिक जांच करा ले।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईडी मेरे घर से डॉक्युमेंट चोरी करके ले गई। जब ईडी को मेरे बयान से पता चला कि हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामा मेरे फायदे का है। मीटिंग ऑफ मिनट्स ये दिखाते हैं कि मैने हर वो प्रयास किया जो एक मंत्री कर सकता था। जब ईडी को लगा कि यह हलफनामा मेरे फायदे का है तो ईडी ने दोबारा पंचनामा बनाया। दूसरे पंचनामे में से सीज किए गए 89 पेज के डॉक्युमेंट को हटाया गया। पहले पंचनामे में इस डॉक्युमेंट को सीजर मेमो में सीज करना दिखाया है।

ईडी ने मेरा बयान किया रिकॉर्ड

उन्होंने कहा कि ईडी के अफसर ने 89 पेज के डॉक्युमेंट की कॉपी कर अपने बैग में रख लिया मगर पंचनामे से उसे हटा दिया। इसके बाद दोबारा नए पंचनामे पर पंचों के हस्ताक्षर लिए गए। पंचनामे में तमाम फालतू की बातें लिख दी गई, लेकिन यह नहीं लिखा गया कि ईडी ने मेरा बयान रिकॉर्ड किया और फिर मेरे बयान को बदला और उस पर मुझसे हस्ताक्षर कराने का दबाव बनाया। उन्होने कहा कि यह बहुत खराब स्थिति है। अब सबको आवाज उठाना पड़ेगा। अगर आज हम दब गए तो कल किसी और के यहां छापा पड़ेगा और बयान को बदल कर जबरदस्ती हस्ताक्षर लिया जाएगा। कोई बचेगा नहीं। यह बहुत शर्मनाक स्थिति है कि इस देश को कैसे बचाया जाए।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आखिर में मैने ईडी से कहा कि मुझे मालूम है कि दो साल के लिए जेल जाना है। इसके लिए मैं तैयार भी हूं। अगर अभी जेल ले जाना है तो ले चलो। लेकिन बदले गए बयान पर हस्ताक्षर नहीं करूंगा। मैंने तीन बार कहा कि मैं गिरफ्तार होने के लिए तैयार हूं। ईडी के अनुसार सहयोग का मतलब ये होता है कि जो ईडी कहे, वह मैं मान लूं। मैंने ईडी से कहा कि जो भी बयान दे रहा हूं वो सब सरकारी डॉक्युमेंट में भी मौजूद है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैंने ईडी से अनुरोध किया कि सचिवालय में मौजूद इन फाइलों को सरकार से दिलवा दो। मैंने आरटीआई लगाकर मुख्य सचिव से कुछ डॉक्युमेंट मांगे तो उन्होंने कहा कि ये डॉक्युमेंट नहीं है। मयंक अरोड़ा ने कहा कि सरकार से डॉक्युमेंट लेने का काम उनका नहीं है। ईडी मेरे घर छापा मार कर डॉक्युमेंट एकत्र कर सकती है, लेकिन सरकार से अधिकारिक डॉक्युमेंट नहीं मांग सकती। यह पूरा खेल हो रहा है। एलजी को लेकर भी मेरे पास बहुत सारे सबूत हैं। अगर मैं गिरफ्तार हो जाता हूं तो मेरे वकील प्रेसवार्ता कर के बतायेंगे कि कैसे इन्होंने मेरे खिलाफ आपराधिक षड़यंत्र किया है। सारी मीटिंग की वीडियो मीडिया से साझा करेंगे ।हम पुरी दुनिया के सामने इनको एक्सपोज करेंगे।

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