
Kedarnath Dham: उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने राज्य में सख्त भूमि कानूनों को लेकर 24 दिसंबर को प्रस्तावित रैली का समर्थन किया है। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश ने केदारनाथ धाम मंदिर(Kedarnath dham mandir) में सोने की परत के निरीक्षण की भी मांग की।
गुरुवार(21 दिसंबर) को तुलसी प्रतिष्ठान में हुई बैठक की अध्यक्षता महापंचायत अध्यक्ष सुरेश सेमवाल(Suresh semval) ने की। महासचिव डॉ. ब्रिजेश सती ने कहा कि इस बैठक में 14वीं यात्रा अवधि पर विचार किया गया। महा पंचायत ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों से केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में सोना प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है। इसमें 14वें तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाना चाहिए। बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान और केदारनाथ धाम के पुन:निर्माण कार्य पौराणिक परंपराओं में हेरफेर करते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।
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महापंचायत का कहना है कि बद्रीनाथ धाम में जल्द ही कुबेर गली का निर्माण किया जाएगा। शीतकाल के दौरान बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में मानवीय गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की गई है। शीत ऋतु के दौरान जब विदेशी मूल के व्यक्ति को बद्रीनाथ धाम में ध्यान करने की अनुमति दी गई, तब भी स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए थे। महापंचायत ने धाम अभयारण्य के फिल्मांकन और फोटोग्राफी पर सख्त प्रतिबंध की वकालत की।
बैठक में चारधाम शीतकालीन पूजा स्थलों के व्यापक प्रचार प्रसार करने पर सहमति बनी है। ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज की 27 तारीख से प्रारंभ होने वाली चारधाम शीतकालीन तीर्थयात्रा में महापंचायत सहयोग करेगी। इसके अलावा खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्तावित रोपवे का निर्माण कार्य शुरू न होने पर नाराजगी जताई गई।
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