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 क्या किगंमेकर के रूप में उभर सकते है छोटे दल, जानें किसका बिगाड़ेंगे खेल ?

विधानसभा चुनाव में बड़ा उलट-फेर देखने को मिल सकता है। बता दें कि चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है लेकिन इन चुनावों में छोटे दल भी एक अहम भूमिका निभाएगें. कहा जाता है कि जब भी चुनाव होते है तो बिना गठबंधन की सरकार नहीं बनती. और ना चाहते हुए भी सरकार बनाने के लिए छोटे दलों का सहारा लेना पड़ता हैं। उसी तरह इस बार के विधानसभा चुनाव के मैदान में छोटेी पार्टीयां उतर चुकीं है। अब छोटे दल चुनाव में किगंमेकर की भूमिका निभाने की तैयारी में है।

क्षेत्रीय दल और छोटी पार्टियां विपक्ष की बढ़ाएंगी टेंशन

बताया जा रहा है कि  कांग्रेस और बीजेपी सत्ता पर अपना दबदबा बनाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बसपा-सपा-आम आदमी पार्टी-आरएलपी जैसे दल किंगमेकर बनने की तैयारी में लगे हुए हैं. साथ ही क्षेत्रीय दल और छोटी पार्टियों के चुनावी रणभूमि में उतरने से सत्ता पर कब्जा करने का सपना देख रही कांग्रेस और बीजेपी की चिंता बढ़ गई है.

सरकार गिराने और बनाने में छोटी पार्टियां निभाती है अहम भूमिका

अगर हम भारतीय राजनीति के बारे में बात करें तो यहा पर बहुत से  क्षेत्रीयता और जातीय अस्मिता के नाम पर तमाम छोटी-छोटी पार्टीयां मौजूद हैं. जो 90 के दशक से सरकार गिराने और बनाने में बड़ी भूमिका निभाती रही हैं। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश और राजस्थान में किसी भी एक दल को बहुमत नहीं मिला था, जिसके बाद से कांग्रेस को सपा और बसपा के समर्थन से सरकार बनाई थी।

अब ऐसे में देखना है कि किस राज्य में कौन सी क्षेत्रीय पार्टी कितनी सीटों पर किस्मत आजमा रही है और किसकी चिंता बढ़ा रही है.

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