
नई दिल्ली: थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Manoj Pandey) ने गुरुवार को कहा कि बॉर्डर पर स्थिति स्थिर बनी हुई है। लेकिन, हमें कई तरह की चुनौतियों (Challenges) से निपटने के लिए सक्रिय (Active) रूप से तैयार रहने की आवश्यकता है। मनोज पांडे ने एक कार्यक्रम में कहा कि हम विश्व में अभूतपूर्व बदलाव देख रहे हैं और रूस-यूक्रेन जंग से हमने सबक सीखा है कि हम सैन्य हार्डवेयर के आयात के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकते हैं।
अग्निवीरों का पहला बैच हुआ शामिल
थल सेना अध्यक्ष ने कहा कि 40,000 अग्निवीरों का पहला बैच इकाइयों में शामिल हो गया है। और क्षेत्र से इसकी प्रतिक्रिया अच्छी और उत्साहजनक है। आगे उन्होंने कहा कि हम सेना में आधुनिक प्रौद्योगिकी का फायदा उठाने पर जरुरी ध्यान दे रहे हैं। सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा कि हमारा ध्यान सेना के पुनर्गठन, प्रौद्योगिकी का समावेश तथा मौजूदा संरचनाओं में सुधार करने पर है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र चुनौती और अवसर दोनों है
थल सेना प्रमुख मनोज पांडे ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर बोलते हुए कहा कि यह हमारे लिए चुनौती और अवसर दोनों साबित होगा। और हमें विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय रहने की आवश्यकता है। रूस-यूक्रेन जंग पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन जंग का एक मुख्य सबक यह है कि विवादित सीमाओं के मामले में कभी भी जमीनी जंग का एक मुख्य क्षेत्र बनी रहेगी। हम विश्व में अभूतपूर्व बदलाव देख रहे हैं। हम वैश्विक मामलों में राष्ट्रीय हित की केंद्रीयता भी देख रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्व बढ़ रहा है।
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