धर्म

नवरात्रि में इस बार मां दुर्गा की किस पर सवार होकर आ रही हैं?

या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥‘ जल्द ही माता रानी के इस मंत्र का उच्चारण हर देवी मंदिर और घरों में सुनाई देगा। मां दुर्गा के आगमन में अब बस चंद दिन ही बाकी है। हर देवी भक्तों को नवरात्रि का इंतजार बेसब्री के साथ रहता है। इस साल 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा है, जो कि 24 अक्टूबर तक चलेगा।

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार बहुत ही खास होता है। नवरात्रि के त्योहार पर लगातार 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-आराधना बड़े ही उत्साह के साथ किया जाता है। ऐसे में हर साल मां किसी सवारी पर आती है और फिर किसी अन्य से जाती है। इस बार भी जब नवरात्रि में जब देव लोक से पृथ्वी लोक मां दुर्गे आती है तो दिन के हिसाब से उनकी सवारियां होती हैं।

इस बार देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर अपने भक्तों से मिलने आएंगी। आपको बता दें कि हर साल नवरात्रि पर माता रानी का वाहन अलग-अलग होता है। तो चलिए आज जानते हैं कि देवी मां के वाहन का क्या अर्थ होता है और इसका दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ता है। 

देवी भागवत पुराण के मुताबिक, देवी दुर्गा का हाथी पर आगमन अत्यंत शुभ माना जाता है। हाथी वाहन धन-धान्य और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस साल माता रानी अपने साथ ढेरों खुशियां लेकर आ रही हैं। मान्यताओं के अनुसार, जब भी मां दुर्गा हाथी पर सवार हो कर धरती पर आती हैं उस साल देश में खूब वर्षा होती है। देश में धन-धान्य और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जब भी नवरात्रि का पहला दिन रविवार या सोमवार को पड़ता है तो देवी मां का वाहन हाथी रहता है। मां दुर्गा का वाहन शेर है लेकिन नवरात्रि पर माता रानी अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं।

आपको बता दें कि इस देवी दुर्गा का आगमन और प्रस्थान दोनों की सवारी अलग-अलग होती है। इस साल देवी मां जहां हाथी पर सवार होकर आएंगी, वहीं प्रस्थान मुर्गा पर होगा। यह वाहन शुभ नहीं माना जाता है। कहते हैं। माता रानी का यह वाहन दुख-तकलीफ और कष्ट का संकेत देता है। इसके अलावा मुर्गा वाहन राजतंत्र के लिए अशुभ माना जाता है।

नवरात्र की तिथियां…

प्रथम नवरात्र                15 अक्तूबर

द्वितीय नवरात्र              16 अक्तूबर

तृतीय नवरात्र                17 अक्तूबर

चतुर्थ नवरात्र                18 अक्तूबर

पांचवा नवरात्र               19 अक्तूबर

छठा नवरात्र                 20 अक्तूबर

सातवां नवरात्र               21 अक्तूबर

अष्टम नवरात्र               22 अक्तूबर

नवम नवरात्र                23 अक्तूबर

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