Uttarakhand

Mussoorie: ABVP ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट का किया विरोध, कॉलेज में की तालाबंदी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मसूरी के कार्यकर्ताओं ने नगर मंत्री अमित पवार के नेतृत्व में आज यानि मंगलवार (22 अगस्त) को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के विरोध में एमपीजी कॉलेज मसूरी में तालाबंदी कर जमकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर छात्रों ने केन्द्र सरकार और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर मेरिट के आधार पर छात्र-छात्राओं के एडमिशन की मांग की है।

सीयूईटी को हटाने की उठी मांग

मसूरी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री अमित पवार, छात्र नेता मोहन शाही, रितिक कैन्तुरा और शीला ने पीजी कॉलेज में ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन में प्रवेश के लिए सीयूईटी से राहत देने की मांग की। उन्होंने कहा कि मसूरी एमपीजी कालेज हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध अशासकीय कॉलेज हैं। इन सभी में प्रवेश के लिए सीयूईटी पास करना अनिवार्य है।
जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में छात्रों ने सीयूईटी नहीं दिया। ऐसे में उन्हें दाखिला नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि मसूरी कॉलेज में आसपास के तीन विधानसभा के छात्र-छात्र पढने के लिये आते है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या है और दूर दराज रहने वाले छात्रों को सीयूईटी के बारे में जानकारी नहीं मिली ऐसे में उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस साल सीयूईटी में छूट देकर मेरिट के आधार पर छात्रों को एडमिशन करवाया जाये। उन्होंने बताया कि देहरादून और मसूरी के करीब 10 कॉलेजों में 60 फीसदी सीटें खाली हैं। ऐसे में बिनासीयूईटी कॉलेजों में प्रवेश देना चाहिए।

छात्रसंध अध्यक्ष प्रीतम लाल ने कहा

एबीवीपी के छात्रसंध अध्यक्ष प्रीतम लाल ने कहा कि स्थिति के कारण भी तमाम छात्र सीयूईटी नहीं दे पाए हैं। दोबारा सीयूईटी होता है तो पहाड़ी इलाकों के छात्रों के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित रखी जाएं, ताकि इनको प्रवेश का मौका मिल सके। इन मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो कार्यकर्ता बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो महीने से छात्र सीयूईटी एवं समर्थ पोर्टल के माध्यम से होने वाले प्रवेश की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। सीयूईटी हो या समर्थ पोर्टल, दोनों ही व्यवस्था बिना तैयारी के लागू की गई हैं। साथ ही प्रदेश के सत्ता पक्ष, विपक्ष के नेताओं को केंद्रीय शिक्षा मंत्री, यूजीसी को प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों से अवगत कराने की जरूरत है, ताकि छात्रों का साल बर्बाद होने से बचाया जा सके।

रिपोर्टर-सुनील सोनकर

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